🌍 अफ्रीका में राजनीतिक अस्थिरता और भारत के हित
🔹 भूमिका
हाल के वर्षों में अफ्रीका के कई देशों जैसे नाइजर, माली, बुर्किना फासो और सूडान में बार-बार सैन्य तख्तापलट और हिंसा देखी गई है। यह न केवल अफ्रीका के विकास के लिए बड़ा खतरा है, बल्कि भारत जैसे देशों के लिए भी चिंता का विषय है जो अफ्रीका में अपने आर्थिक और रणनीतिक हित रखते हैं।
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🔹 अफ्रीका में राजनीतिक अस्थिरता के कारण
1️⃣ औपनिवेशिक विरासत और कमजोर संस्थाएं – लंबे समय तक उपनिवेश रहे देशों में राजनीतिक व्यवस्था कमजोर रही।
2️⃣ जातीय और धार्मिक संघर्ष – कई देशों में जातीय टकराव और धार्मिक कट्टरता अशांति को बढ़ाती है।
3️⃣ गरीबी और बेरोजगारी – आर्थिक असमानता से युवाओं में असंतोष पैदा होता है।
4️⃣ विदेशी हस्तक्षेप – कुछ बाहरी शक्तियां संसाधनों के लिए अफ्रीका में हस्तक्षेप करती रही हैं।
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🔹 भारत के लिए अफ्रीका का महत्व
✅ आर्थिक साझेदारी – अफ्रीका भारत के लिए तेल, गैस, खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का बड़ा स्रोत है।
✅ व्यापार और निवेश – भारत-अफ्रीका द्विपक्षीय व्यापार 80 अरब डॉलर से ज्यादा का है।
✅ डायस्पोरा – अफ्रीका में लाखों भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जिनकी सुरक्षा भारत की प्राथमिकता है।
✅ रणनीतिक दृष्टि – हिंद महासागर में अफ्रीका का तटीय इलाका भारत के समुद्री हितों से जुड़ा है।
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🔹 अस्थिरता से भारत को खतरे
✔️ व्यापार में बाधा – हिंसा या तख्तापलट के कारण भारतीय कंपनियों को नुकसान हो सकता है।
✔️ डायस्पोरा की सुरक्षा पर असर – वहां रह रहे भारतीयों को खतरा बढ़ सकता है।
✔️ चीन की बढ़ती दखलअंदाजी – चीन अफ्रीका में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है। अस्थिरता का फायदा उठाकर वह अपना प्रभाव और बढ़ा सकता है।
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🔹 भारत के कदम और उपाय
🔹 Capacity Building – भारत अफ्रीका के अफसरों और युवाओं को प्रशिक्षण दे रहा है, जैसे ITEC प्रोग्राम।
🔹 Infrastructure Development – भारत अफ्रीका में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा के कई प्रोजेक्ट चला रहा है।
🔹 डिप्लोमैटिक संवाद – भारत अफ्रीकी यूनियन और अफ्रीकी देशों के साथ लगातार बातचीत कर रहा है।
🔹 सुरक्षा सहयोग – समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहयोग बढ़ाया जा रहा है।
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🔹 निष्कर्ष
अफ्रीका में स्थिरता सिर्फ वहां के देशों के लिए नहीं, बल्कि भारत सहित पूरी दुनिया के लिए जरूरी है। भारत को चाहिए कि वह अफ्रीका के साथ अपने संबंध और मजबूत करे, ताकि दोनों पक्ष शांति, विकास और सुरक्षा में भागीदार बन सकें।