आतंकवाद: एक वैश्विक संकट समकालीन भारत की सबसे बड़ी चुनौती

आतंकवाद: एक वैश्विक संकट – समकालीन भारत की सबसे बड़ी चुनौती

 

📌 प्रस्तावना- (Introduction)

आतंकवाद 21वीं सदी की सबसे गंभीर वैश्विक चुनौतियों में से एक बन चुका है। यह न केवल मानव जीवन के लिए खतरा है, बल्कि समाज की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक नींव को भी हिला देता है। भारत जैसे लोकतांत्रिक और विविधतापूर्ण देश में आतंकवाद की चुनौती और भी अधिक गंभीर हो जाती है, क्योंकि यहाँ आतंकी हमलों का उद्देश्य केवल जनहानि नहीं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को तोड़ना भी होता है।

 

📌 आतंकवाद की परिभाषा

आतंकवाद वह प्रक्रिया है जिसमें हिंसा, डर और अराजकता के माध्यम से कोई संगठन या व्यक्ति अपने राजनीतिक या धार्मिक उद्देश्य प्राप्त करना चाहता है। यह हिंसा केवल सत्ता के खिलाफ नहीं होती, बल्कि आम नागरिकों के खिलाफ भी होती है।

Anti-terrorism awareness poster
आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता पोस्टर

 

📌 भारत में आतंकवाद के प्रमुख प्रकार

भारत में आतंकवाद विभिन्न रूपों में देखा जाता है:

1. अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद: जैसे पाकिस्तान से प्रायोजित आतंकी गतिविधियाँ – उरी हमला, पठानकोट हमला, 26/11 मुंबई हमला आदि।

2. नक्सलवाद (Left-Wing Extremism): भारत के कुछ आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में सक्रिय, जैसे छत्तीसगढ़, झारखंड आदि।

3. उग्रवाद (Insurgency): विशेषकर उत्तर-पूर्वी राज्यों में, जहां अलगाववादी संगठन कार्यरत हैं।

4. घरेलू आतंकवाद: कुछ कट्टरपंथी संगठनों द्वारा देश के भीतर किए गए हमले।

📌 आतंकवाद के प्रभाव

राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा

आर्थिक क्षति: निवेश और व्यापार पर नकारात्मक असर

सामाजिक विभाजन: धार्मिक या जातीय तनाव को बढ़ावा

मानवाधिकारों का उल्लंघन

विदेश नीति पर असर: विशेषकर सीमावर्ती देशों से संबंधों में तनाव

 

📌 सरकार द्वारा किए गए प्रयास

1. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की स्थापना

2. Unlawful Activities Prevention Act (UAPA) में संशोधन

3. साइबर आतंकवाद पर रोक के लिए CERT-In और NATGRID

4. सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार (AFSPA)

5. सुरक्षा बलों की आधुनिक तकनीकों से लैस करना

 

📌 वैश्विक प्रयास

UN द्वारा Global Counter Terrorism Strategy

Financial Action Task Force (FATF) द्वारा फंडिंग रोकने की पहल

Interpol और अंतरराष्ट्रीय खुफिया साझेदारी

भारत की अमेरिका, इज़राइल, रूस से आतंकवाद विरोधी सहयोग

📌 समाधान के सुझाव (Way Forward)

युवा वर्ग को कट्टरपंथ से बचाने के लिए शिक्षा और रोजगार

बॉर्डर इंटेलिजेंस और निगरानी को मजबूत करना

समाज में सहिष्णुता और सद्भावना बढ़ाना

टेक्नोलॉजी और साइबर निगरानी पर जोर

राजनीतिक इच्छाशक्ति और पारदर्शिता जरूरी

📌 निष्कर्ष (Conclusion)

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई केवल सुरक्षा बलों की नहीं, हम सबकी है। इसके खिलाफ एकजुट होना, जागरूकता फैलाना और सद्भाव बनाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। UPSC जैसे परीक्षाओं के लिए आतंकवाद विषय पर गहन समझ और संवेदनशील दृष्टिकोण आवश्यक है।

 

मध्यप्रदेश का इतिहास: भारत का दिल, गौरवशाली विरासत की कहानी

 

📚 External Sources / References (UPSC GS Paper 3 – Terrorism):

1. Ministry of Home Affairs – Internal Security Division

🔗https://www.mha.gov.in/en/division_of_mha/internal-security

भारत में आतंकवाद से निपटने की नीति, आतंकवाद-रोधी कानून, और सुरक्षा एजेंसियों से संबंधित जानकारी।

 

 

Leave a Comment

Donald Trump: 47th U.S. President – Journey, Comeback & Controversies (2025) दुनिया के 10 अद्भुत GK Facts | रोचक सामान्य ज्ञान One-Liner GK Questions – 2025 ऑनलाइन गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स का भविष्य 2025 | India’s Gaming Revolution SIP और म्यूचुअल फंड निवेश – Beginner Guide 2025