आधुनिक भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास

आधुनिक भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास

परिचय:

आज का भारत एक उभरती हुई तकनीकी महाशक्ति के रूप में दुनिया में पहचाना जा रहा है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने तीव्र गति से प्रगति की है। कृषि से लेकर अंतरिक्ष, चिकित्सा से लेकर सूचना तकनीक तक — हर क्षेत्र में विज्ञान ने भारत के विकास में क्रांतिकारी योगदान दिया है।

 

स्वतंत्रता के बाद विज्ञान नीति की शुरुआत

 

भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने विज्ञान को राष्ट्रीय विकास की रीढ़ माना। 1958 में पहली राष्ट्रीय विज्ञान नीति बनाई गई और कई महत्वपूर्ण संस्थान स्थापित किए गए, जैसे:

 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)

 

परमाणु ऊर्जा आयोग (DAE)

 

CSIR (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद)

 

IITs और IISc जैसे शिक्षा संस्थान

 

 

 

 

अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत

 

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम विश्व में अपनी सरलता, सटीकता और कम लागत के लिए प्रसिद्ध है।

महत्वपूर्ण मिशन:

 

चंद्रयान-1 (2008): भारत का पहला चंद्र मिशन

 

मंगलयान (2013): भारत ने पहली ही कोशिश में मंगल ग्रह तक पहुंच बनाई

 

चंद्रयान-3 (2023): भारत दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश बना

 

गगनयान (निर्धारित): भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन

 

 

 

 

सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल इंडिया

 

1990 के बाद भारत में आईटी सेक्टर में क्रांति आई। बेंगलुरु को “India’s Silicon Valley” कहा जाने लगा।

 

डिजिटल इंडिया मिशन (2015): सरकारी सेवाओं को डिजिटल रूप से लोगों तक पहुँचाने की पहल

 

UPI और BHIM जैसे पेमेंट सिस्टम: भारत दुनिया के अग्रणी डिजिटल पेमेंट देशों में शामिल है

 

AI, Robotics, और Startups: भारत में तेजी से उभर रहे हैं और वैश्विक कंपनियां निवेश कर रही हैं

 

 

 

 

चिकित्सा और जैव प्रौद्योगिकी में उपलब्धियाँ

 

भारत ने कोविड-19 वैक्सीन (Covaxin, Covishield) का विकास और उत्पादन कर वैक्सीन मैत्री के तहत दुनियाभर में सहायता भेजी

 

बायोटेक्नोलॉजी सेक्टर में इनोवेशन और रिसर्च को बढ़ावा

 

टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ में उल्लेखनीय प्रगति

 

 

 

 

परमाणु ऊर्जा और रक्षा अनुसंधान

 

भारत परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग करता है और बिजली उत्पादन में इसका प्रयोग बढ़ रहा है

 

DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) ने मिसाइल टेक्नोलॉजी (अग्नि, पृथ्वी, ब्रह्मोस) सहित कई सैन्य उपकरणों का निर्माण किया है

 

 

 

 

विज्ञान में महिला और युवा भागीदारी

 

कलाम, किरण मजूमदार शॉ, जैसी वैज्ञानिक हस्तियों ने युवाओं को प्रेरित किया है

 

अब STEM क्षेत्रों में लड़कियों की भागीदारी भी तेजी से बढ़ रही है

 

 

 

 

निष्कर्ष

 

आधुनिक भारत में विज्ञान और तकनीक केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह देश के हर कोने तक पहुँची है। डिजिटल क्रांति, अंतरिक्ष की उड़ान, और वैश्विक नवाचार में भारत की भूमिका आने वाले समय में और भी सशक्त होती जा रही है।

भारत न केवल आत्मनिर्भर बन रहा है बल्कि वैश्विक तकनीकी नेता बनने की ओर भी अग्रसर है।

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का संक्षिप्त इतिहास

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