कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम भौतिकी: भविष्य की तकनीकी क्रांति
21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक और तकनीकी क्रांतियों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) और क्वांटम भौतिकी (Quantum Physics) का नाम अग्रणी है। दोनों ही क्षेत्रों का विकास मानव समाज को नई दिशा देने वाला है – स्वास्थ्य, रक्षा, संचार, जलवायु समाधान और शिक्षा जैसे अनेक क्षेत्रों में।
आज जब हम AI मॉडल्स और Quantum Computers की बात करते हैं, तो यह केवल कंप्यूटर साइंस का ही नहीं बल्कि भौतिकी (Physics) का गहरा विषय है, जो UPSC जैसी परीक्षाओं के लिए भी अत्यंत उपयोगी हो गया है।
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क्वांटम भौतिकी क्या है?
क्वांटम भौतिकी पदार्थ और ऊर्जा के अत्यंत सूक्ष्म स्तर (atomic और subatomic level) पर उनके व्यवहार को समझने वाली शाखा है। यह पारंपरिक न्यूटनियन भौतिकी से बिल्कुल अलग है।
इसके दो प्रमुख सिद्धांत हैं:
सुपरपोजिशन (Superposition): एक कण एक साथ अनेक अवस्थाओं में रह सकता है।
एनटैंगलमेंट (Entanglement): दो कण एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं, चाहे वे ब्रह्मांड के किसी भी कोने में हों।
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क्वांटम कंप्यूटिंग और AI का गठजोड़
आज का पारंपरिक कंप्यूटर बाइनरी बिट्स (0 और 1) पर काम करता है, जबकि क्वांटम कंप्यूटर क्यूबिट्स (Qubits) पर आधारित होते हैं जो एक साथ कई स्थितियों में हो सकते हैं।
👉 इससे डेटा प्रोसेसिंग स्पीड लाखों गुना तेज हो सकती है।
👉 AI मॉडल्स (जैसे ChatGPT, BARD) के लिए क्वांटम मशीन लर्निंग एक नया युग ला सकती है।
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उदाहरण से समझें: ChatGPT और Quantum AI
ChatGPT जैसे AI मॉडल को ट्रेन करने में अत्यधिक संसाधनों की आवश्यकता होती है। यदि क्वांटम कंप्यूटिंग को इसमें जोड़ा जाए तो:
प्रशिक्षण का समय घटेगा
मॉडल अधिक समझदार और तेज हो सकता है
जटिल भाषाओं और भावनाओं को समझना आसान होगा
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भारत में विकास: “राष्ट्रीय क्वांटम मिशन”
भारत सरकार ने वर्ष 2023 में ₹6000 करोड़ के बजट के साथ National Quantum Mission (NQM) शुरू किया है। इसका उद्देश्य है:
भारत को क्वांटम टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाना
क्वांटम कंप्यूटर, क्वांटम संचार और मेट्रोलॉजी का विकास
स्टार्टअप्स और वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना
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भविष्य में बदलाव: UPSC के लिए कैसे उपयोगी?
1. सुरक्षा: क्वांटम क्रिप्टोग्राफी से डेटा की हैकिंग लगभग असंभव हो जाएगी।
2. स्वास्थ्य: AI + Quantum तकनीक से नए ड्रग्स की खोज तेज होगी।
3. जलवायु मॉडलिंग: सटीक मौसम पूर्वानुमान और जलवायु परिवर्तन विश्लेषण आसान होगा।
4. कृषि: फसल पैटर्न, मिट्टी के स्वास्थ्य की स्मार्ट भविष्यवाणी संभव होगी।
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UPSC के लिए रणनीति
GS Paper 3 (Science & Tech) में “Emerging Technologies”, “AI”, और “Quantum Computing” सीधे उल्लेखित हैं।
Essay Paper में “Technology and Ethics”, “Humanity and Machine” जैसे विषयों पर यह लेख काम आएगा।
Ethics Paper में AI के नैतिक पक्ष (Bias, Privacy, Surveillance) भी जुड़ते हैं।
क्वांटम AI भारत के Digital India, AI for All, और Startup India जैसे अभियानों से भी जुड़ा है।
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निष्कर्ष
भविष्य उन्हीं राष्ट्रों का है जो विज्ञान और तकनीक को समय रहते समझकर उसका उपयोग जनहित में करते हैं। क्वांटम भौतिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता न केवल वैज्ञानिक विषय हैं, बल्कि ये हमारी अर्थव्यवस्था, शासन प्रणाली और सुरक्षा रणनीति के भी आधार बनते जा रहे हैं। भारत को यदि 21वीं सदी का वैश्विक नेतृत्व करना है, तो इन क्षेत्रों में निवेश और नवाचार को बढ़ाना ही होगा।
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✅ Bonus: याद रखने योग्य फैक्ट्स
भारत का लक्ष्य है: 2031 तक क्वांटम तकनीक में विश्वस्तरीय स्थान प्राप्त करना
दुनिया की पहली क्वांटम AI लैब: Google AI Quantum Lab
भारत के संस्थान: IITs, IISERs, और DRDO – सभी इस मिशन में शामिल