क्रिप्टोकरेंसी: एक क्रांति या खतरा?

क्रिप्टोकरेंसी: एक क्रांति या खतरा? | Cryptocurrency in India – UPSC Perspective 2025

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परिचय: डिजिटल युग की नयी मुद्रा

21वीं सदी में तकनीकी क्रांति ने पैसे के स्वरूप को ही बदल दिया है। जहाँ पहले सोना, चाँदी, और कागज़ी मुद्रा मूल्य के प्रतीक थे, वहीं आज क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) ने उस पारंपरिक सोच को चुनौती दी है। बिटकॉइन (Bitcoin) की शुरुआत ने एक नये दौर की शुरुआत की, जिसमें न तो सरकार का नियंत्रण है और न ही कोई बैंक का बिचौलिया।

लेकिन सवाल यह उठता है — क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत जैसे देश में वित्तीय भविष्य का हिस्सा बन सकती है या यह केवल एक सट्टा आधारित बुलबुला है?


क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है जो क्रिप्टोग्राफी के ज़रिए सुरक्षित रहती है। यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है – एक ऐसा सार्वजनिक खाता (ledger), जिसे कोई एक व्यक्ति नियंत्रित नहीं करता।

प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी:

  • Bitcoin – सबसे पुरानी और लोकप्रिय

  • Ethereum – स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट आधारित

  • Ripple (XRP), Litecoin, Tether आदि


भारत में क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रवैया संशयपूर्ण और सतर्क रहा है।

वर्ष निर्णय
2018 RBI ने बैंकों को क्रिप्टो से लेनदेन पर रोक लगाई
2020 सुप्रीम कोर्ट ने RBI के प्रतिबंध को असंवैधानिक बताया
2021-22 सरकार ने ‘Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill’ का मसौदा तैयार किया
2022 क्रिप्टो से आय पर 30% टैक्स और 1% TDS की घोषणा
2023-24 क्रिप्टो को अभी भी “कानूनी मुद्रा” नहीं माना गया है

ब्लॉकचेन और डिजिटल रुपया (CBDC)

RBI ने 2022 में Central Bank Digital Currency (CBDC) यानी डिजिटल रुपया लॉन्च किया। यह क्रिप्टो नहीं है, बल्कि सरकार द्वारा नियंत्रित डिजिटल मुद्रा है।

ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग केवल क्रिप्टो तक सीमित नहीं है — इसका उपयोग आपूर्ति श्रृंखला, भूमि रिकॉर्ड, मेडिकल डेटा, और ई-वोटिंग में भी हो सकता है।


लाभ और जोखिम – एक संतुलन

✔️ लाभ:

  • तेज़ और सस्ता अंतरराष्ट्रीय लेन-देन

  • बिचौलियों की भूमिका खत्म

  • ब्लॉकचेन से पारदर्शिता और सुरक्षा

  • फाइनेंशियल इन्क्लूजन में सहायता

जोखिम:

  • कीमत में अत्यधिक अस्थिरता

  • साइबर अपराध और हैकिंग

  • मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा

  • नियमन की कमी


क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की नीति क्या होनी चाहिए? (UPSC Perspective)

UPSC की दृष्टि से यह विषय GS-3 (Economy), GS-2 (Governance), और Essay Paper से जुड़ा है।

भारत को एक संतुलित नीति अपनानी चाहिए:

  • तकनीक को प्रोत्साहित करना,

  • निवेशकों को सुरक्षा देना,

  • अवैध गतिविधियों पर सख्ती।

एक स्मार्ट रेगुलेटरी फ्रेमवर्क जरूरी है जो ब्लॉकचेन जैसे नवाचारों को बढ़ावा दे, परंतु अनियंत्रित सट्टा गतिविधियों को रोके।


मानव दृष्टिकोण: एक आम निवेशक की कहानी

“मेरे बेटे ने बिटकॉइन में ₹10,000 लगाए थे, एक साल में वो ₹30,000 हो गए। लेकिन दूसरे साल वो ₹5,000 भी नहीं रहे,” – श्यामलाल, एक मध्यवर्गीय भारतीय।

इससे समझ आता है कि क्रिप्टो कोई “शॉर्टकट रिच स्कीम” नहीं है। यह जोखिमपूर्ण है और समझदारी से निवेश करने की ज़रूरत है।


निष्कर्ष: क्या यह भविष्य है?

क्रिप्टोकरेंसी तकनीकी क्रांति की प्रतीक है। लेकिन भारत जैसे देश में इसके नियमन, शिक्षा, और सावधानी के बिना इसे अपनाना जल्दबाज़ी होगी।

UPSC के लिए Takeaway:

  • आर्थिक, सामाजिक और कानूनी पहलुओं पर विश्लेषण करें

  • ब्लॉकचेन की उपयोगिता और नीति संबंधी पक्षों को याद रखें

  • डिजिटल मुद्रा (CBDC) और क्रिप्टो में अंतर स्पष्ट करें                                                                     वनों का क्षरण (Forest Degradation)

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