चंद्रयान-3 की सफलता भारत की अंतरिक्ष शक्ति

🌐 चंद्रयान-3 की सफलता और भारत की अंतरिक्ष शक्ति – UPSC GK और करेंट अफेयर्स में एक ऐतिहासिक उपलब्धि

 

 

 

🔰 परिचय

 

चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्र मिशन है, जिसे 14 जुलाई 2023 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया और 23 अगस्त 2023 को इसकी लैंडिंग सफल रही। इसने भारत को दुनिया का पहला ऐसा देश बना दिया जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की। यह मिशन ISRO के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है और UPSC जैसे एग्जाम्स में यह टॉपिक अत्यंत महत्वपूर्ण बन चुका है।

 

 

 

🚀 चंद्रयान-3 मिशन की प्रमुख बातें (Key Facts about Chandrayaan-3)

 

पॉइंट विवरण

 

लॉन्च तिथि 14 जुलाई 2023

लॉन्च स्थल श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र)

लैंडिंग तिथि 23 अगस्त 2023

लैंडिंग स्थान चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र

लैंडर का नाम विक्रम

रोवर का नाम प्रज्ञान

मिशन उद्देश्य सॉफ्ट लैंडिंग, चंद्रमा की सतह का विश्लेषण, तटस्थ और प्लाज्मा वातावरण का अध्ययन

 

 

 

 

🛰️ इस मिशन की खास बातें

 

पूरी तरह मेक इन इंडिया तकनीक पर आधारित था।

 

यह मिशन चंद्रयान-2 की असफल लैंडिंग के बाद किया गया था और उसी डिजाइन को सुधारा गया।

 

मिशन ने चंद्रमा पर सल्फर, ऑक्सीजन, कैल्शियम जैसे तत्वों की मौजूदगी को मापा।

 

भारत अब USA, Russia, China के बाद चंद्रमा पर लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना।

 

 

 

 

📚 UPSC GK/Essay/Prelims के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

 

इसरो की स्थापना – 15 अगस्त 1969

 

इसरो के चेयरमैन – एस. सोमनाथ (2023-2025)

 

चंद्रयान 1 – 2008 (मून पर पानी की खोज की पुष्टि की)

 

चंद्रयान 2 – 2019 (ऑर्बिटर सफल, लैंडर क्रैश)

 

चंद्रयान 3 – 2023 (सॉफ्ट लैंडिंग सफल)

 

 

 

 

🧠 याद रखने की ट्रिक

 

123 → Chandrayaan-1 (Water), Chandrayaan-2 (Orbiter), Chandrayaan-3 (Lander success)

“विक्रम चला, प्रज्ञान चला – चाँद के दक्षिण गया भारत” (Mnemonic)

 

 

 

📌 महत्व – क्यों UPSC में पूछा जाएगा?

 

अंतरिक्ष नीति 2023 और भारत का प्राइवेट स्पेस सेक्टर खोलना

 

ISRO की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता और आत्मनिर्भर भारत मिशन से जुड़ाव

 

चंद्रमा पर भारत का भविष्य के मिशन (LUPEX, Gaganyaan)

 

भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास की दिशा

 

 

 

 

🔍 निष्कर्ष

 

चंद्रयान-3 ने केवल भारत को एक नई वैज्ञानिक ऊँचाई तक पहुँचाया है, बल्कि विश्व को दिखाया कि भारत अब अंतरिक्ष विज्ञान में अग्रणी राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा हो गया है। UPSC जैसे एग्जाम्स में यह मिशन एक संभावित GS Paper 1 (Science & Tech), Essay, और Prelims GK टॉपिक है।

वैश्विक सूखा संकट 2025 और भारत पर प्रभाव

Leave a Comment

GK Today – जुलाई 2025 | UPSC/MPPSC के लिए 5 जरूरी One-Liners महात्मा गांधी जी ऋतू परिवर्तन