✈️ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की यात्राएँ – 2025 की वैश्विक रणनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 में कई महत्वपूर्ण देशों की यात्राएँ कीं, जिनका उद्देश्य न केवल भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करना था, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को और प्रभावशाली बनाना भी था।
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🇷🇺 रूस यात्रा (मॉस्को, जुलाई 2025):
उद्देश्य: भारत-रूस रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना।
महत्वपूर्ण बिंदु:
डिफेंस सेक्टर में नए समझौते
रूस में भारतीय निवेश पर चर्चा
BRICS 2025 शिखर सम्मेलन में भागीदारी
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🇦🇹 ऑस्ट्रिया यात्रा (वियना, जुलाई 2025):
विशेष: यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा थी, लगभग 40 वर्षों बाद।
प्रमुख गतिविधियाँ:
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ग्रीन एनर्जी पर सहयोग
भारतीय प्रवासी समुदाय से संवाद
शांति और लोकतंत्र पर साझा बयान
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🕊️ भारत की वैश्विक छवि पर प्रभाव:
भारत को वैश्विक निर्णयों में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री की यात्राएँ भारत की एक्ट ईस्ट और एक्ट वेस्ट नीति को संतुलन देती हैं।
डिप्लोमेसी में पर्सनल कनेक्ट और “लोगों से जुड़ाव” पर ज़ोर दिया गया।
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📚 UPSC/MPPSC परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु:
इन यात्राओं में हुए समझौतों और घोषणाओं को मुख्य परीक्षा के लिए याद रखें।
भारत की विदेश नीति और रणनीतिक साझेदारियों पर आधारित निबंध/प्रश्नों में उपयोगी जानकारी।
BRICS, IAEA, G20, UNSC जैसे मंचों पर भारत की भूमिका को इन यात्राओं से जोड़ा जा सकता है।
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✅ निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राएँ केवल कूटनीतिक यात्राएँ नहीं थीं, बल्कि भारत की वैश्विक स्थिति को फिर से परिभाषित करने की एक योजना थीं। UPSC/MPPSC उम्मीदवारों के लिए यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है।