भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन: 1857 से 1947 तक UPSC के लिए सम्पूर्ण मार्गदर्शन
🔷 परिचय
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन (Indian National Movement) UPSC की तैयारी का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह न सिर्फ भारत की स्वतंत्रता की कहानी है, बल्कि एक विचार की यात्रा है, जिसने करोड़ों लोगों को संघर्ष, बलिदान और नेतृत्व के रास्ते पर प्रेरित किया। यह आर्टिकल UPSC के लिए पूरे राष्ट्रीय आंदोलन की स्ट्रक्चरड और एनालिटिकल समझ देगा।
🔶 चरणों में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन
🟢 1. प्रारंभिक राष्ट्रवाद (1857–1915) घटना विवरण
1857 का विद्रोह पहला स्वतंत्रता संग्राम — नेता: बहादुर शाह ज़फ़र, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे। असफल लेकिन जागृति का कारण।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (1885) A.O. Hume द्वारा स्थापना; प्रारंभिक उद्देश्य: British शासन से संवाद के माध्यम से सुधार।
मॉडरेट और एक्सट्रीमिस्ट विभाजन (1905–1915) मॉडरेट: गोपाल कृष्ण गोखले, एक्सट्रीमिस्ट: बाल गंगाधर तिलक – “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है।”
🟡 2. गांधी युग (1915–1947)
आंदोलन वर्ष मुख्य विशेषताएँ
चंपारण सत्याग्रह 1917 गांधी का पहला आंदोलन – नील की खेती के खिलाफ
खिलाफत आंदोलन 1919 हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक
असहयोग आंदोलन 1920–22 ब्रिटिश शासन की संस्थाओं का बहिष्कार
नमक सत्याग्रह (दांडी मार्च) 1930 सविनय अवज्ञा आंदोलन का आरंभ
भारत छोड़ो आंदोलन 1942 “करो या मरो” का नारा, अंतिम जनांदोल
🔷 मुख्य नेता और उनके योगदान
नेता योगदान
महात्मा गांधी अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से जनजागरण
नेताजी सुभाष चंद्र बोस आज़ाद हिन्द फौज और “तुम मुझे खून दो…”
सरदार पटेल किसानों के अधिकार और रियासतों का एकीकरण
जवाहरलाल नेहरू आधुनिक भारत के निर्माण की दृष्टि
बी.आर. अम्बेडकर दलित अधिकार और संविधान निर्माण
🔶 UPSC दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बिंदु
✅ Prelims के लिए:
प्रमुख आंदोलन और उनके वर्ष
अधिनियम: 1909, 1919, 1935
कांग्रेस अधिवेशन स्थल व अध्यक्ष
✅ Mains के लिए:
गांधीजी की भूमिका का मूल्यांकन
ब्रिटिश नीति और भारतीय प्रतिक्रिया
सामाजिक आंदोलनों की भूमिका (महिलाएं, किसान, आदिवासी, दलित)
🔷 केस स्टडी दृष्टिकोण (Mains में उपयोगी)
👉 स्वदेशी आंदोलन और आधुनिक Make in India
👉 भारत छोड़ो आंदोलन और जन-सहभागिता मॉडल
👉 अम्बेडकर का विचार और समकालीन सामाजिक न्याय
✨ निष्कर्ष
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की कहानी है। UPSC उम्मीदवारों को इस विषय को तथ्यों से अधिक गहराई, दृष्टिकोण और मूल्यांकन के साथ समझना चाहिए।