भारत का भौगोलिक स्थान: विस्तृत अध्ययन

भारत का भौगोलिक स्थान: विस्तृत अध्ययन 🌍

भारत दक्षिण एशिया में स्थित एक विशाल देश है, जिसका भौगोलिक स्थान इसे आर्थिक, सामरिक और पर्यावरणीय रूप से महत्वपूर्ण बनाता है। इसकी स्थलाकृतिक विविधता, अक्षांशीय-देशांतरीय विस्तार, जल सीमाएँ, स्थल सीमाएँ, और भौगोलिक विशेषताएँ इसे अन्य देशों से अलग बनाती हैं।


📍 1. भारत का अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार

(A) अक्षांशीय विस्तार (Latitudinal Extent)

🔹 भारत का विस्तार 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर तक है।
🔹 कर्क रेखा (Tropic of Cancer) – 23°30′ उत्तर भारत के लगभग मध्य से गुजरती है।
🔹 यह रेखा 8 राज्यों से होकर गुजरती है:

  • गुजरात
  • राजस्थान
  • मध्य प्रदेश
  • छत्तीसगढ़
  • झारखंड
  • पश्चिम बंगाल
  • त्रिपुरा
  • मिजोरम

🔹 अक्षांशीय विस्तार की वजह से भारत में उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण जलवायु पाई जाती है।


(B) देशांतरीय विस्तार (Longitudinal Extent)

🔹 भारत का विस्तार 68°7′ पूर्व से 97°25′ पूर्व तक है।
🔹 यह लगभग 30° देशांतर में फैला हुआ है।
🔹 इस कारण देश के पूर्वी और पश्चिमी छोरों के बीच लगभग 2 घंटे का समय अंतर होता है।

🔹 भारतीय मानक समय (IST) 82°30′ पूर्व देशांतर रेखा के अनुसार तय किया गया है।

  • यह रेखा उत्तर प्रदेश (मिर्जापुर), मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश से होकर गुजरती है।
  • भारत का मानक समय GMT +5:30 घंटे है।

🌊 2. भारत की सीमाएँ (Boundaries of India)

भारत की भौगोलिक स्थिति इसे स्थलीय और जलीय सीमाओं दोनों से महत्वपूर्ण बनाती है।

(A) स्थल सीमाएँ (Land Boundaries)

🔹 भारत की स्थल सीमा 15,200 किमी लंबी है।
🔹 भारत 7 देशों के साथ अपनी सीमाएँ साझा करता है:

देश सीमा की लंबाई (किमी) प्रमुख राज्य
पाकिस्तान 3,323 जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात
चीन 3,488 लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश
नेपाल 1,751 उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम
भूटान 699 सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम
म्यांमार 1,643 अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम
बांग्लादेश 4,096 पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम
अफगानिस्तान 106 (PoK क्षेत्र के माध्यम से)

भारत-बांग्लादेश सीमा विश्व की सबसे लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है।
भारत-चीन सीमा विश्व की सबसे ऊँची विवादित सीमा है।


(B) समुद्री सीमाएँ (Coastal Boundaries)

🔹 भारत की तटीय रेखा 7,516.6 किमी लंबी है।
🔹 इसमें मुख्यभूमि की तटीय सीमा 6,100 किमी और द्वीप समूहों की तटीय सीमा 1,316.6 किमी शामिल है।
🔹 तीन ओर समुद्र से घिरा होने के कारण भारत को “अर्ध-द्वीपीय” देश कहा जाता है।
🔹 समुद्री सीमाएँ तीन प्रमुख जल निकायों से लगती हैं:

  • पश्चिम में अरब सागर
  • पूर्व में बंगाल की खाड़ी
  • दक्षिण में हिंद महासागर

🔹 भारत की प्रमुख तटीय राज्य:

  • पूर्वी तट: पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु
  • पश्चिमी तट: गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल

🏝️ 3. भारत के द्वीप समूह (Islands of India)

भारत में दो प्रमुख द्वीप समूह हैं:

(A) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman & Nicobar Islands)

📍 स्थिति: बंगाल की खाड़ी में
🔹 572 द्वीपों का समूह
🔹 प्रमुख द्वीप: पोर्ट ब्लेयर (राजधानी), बाराटांग, हैवलॉक
🔹 इंदिरा पॉइंट (6°45′ उत्तर) भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु है।

(B) लक्षद्वीप द्वीप समूह (Lakshadweep Islands)

📍 स्थिति: अरब सागर में
🔹 36 मूँगा (Coral) द्वीपों का समूह
🔹 प्रमुख द्वीप: कवरत्ती (राजधानी), मिनिकॉय, अगत्ती


🌏 4. भारत का भौगोलिक महत्व

भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से भारत का स्थान

  • भारत हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
  • भारत मालक्का जलडमरूमध्य के पास स्थित है, जो एशिया और यूरोप के बीच व्यापार के लिए आवश्यक मार्ग है।
  • भारत चीन, पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों के साथ सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीमाएँ साझा करता है।

व्यापार और अर्थव्यवस्था में महत्व

  • भारत मध्य एशिया, दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच व्यापार मार्ग का केंद्र है।
  • तटीय क्षेत्र भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था और मछली उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हैं।

प्राकृतिक विविधता में महत्व

  • भारत की भौगोलिक स्थिति इसे विविध जलवायु और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करती है।
  • हिमालय भारत को ठंडी हवाओं से बचाता है, जिससे देश का उत्तरी भाग अधिक उपजाऊ रहता है।
  • नदियाँ भारत की कृषि और जल आपूर्ति के लिए आवश्यक भूमिका निभाती हैं।

🔎 निष्कर्ष

भारत की भौगोलिक स्थिति इसे सामरिक, आर्थिक, पर्यावरणीय और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है। इसकी स्थल सीमा, तटीय विस्तार, अक्षांशीय-देशांतरीय स्थिति और जलवायु विविधता इसे अद्वितीय बनाते हैं। यह अपनी अर्थव्यवस्था, व्यापार, कृषि और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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