वनों का क्षरण (Forest Degradation)

🌱 वनों का क्षरण (Forest Degradation): कारण, प्रभाव और संरक्षण प्रयास – UPSC दृष्टिकोण

 

 

 

🔰 परिचय

 

वन पृथ्वी के “फेफड़े” कहे जाते हैं। ये न केवल कार्बन डाइऑक्साइड सोखते हैं बल्कि जैव विविधता, वर्षा और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।

हालांकि, लगातार बढ़ते वनों का क्षरण (Degradation) पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र को गंभीर संकट की ओर ले जा रहा है। UPSC CSE, State PCS और अन्य परीक्षाओं में इससे जुड़े प्रश्न बार-बार पूछे जाते हैं।

 

 

🌲 वनों का क्षरण क्या है?

 

वनों का क्षरण तब होता है जब किसी क्षेत्र के वन की गुणवत्ता या जैव विविधता में गिरावट आती है, भले ही वह पूरी तरह नष्ट न हुआ हो।

यह वनों की “मात्रा” नहीं, बल्कि उनकी “गुणवत्ता” से संबंधित समस्या है।

 

 

 

🔍 मुख्य कारण

 

कारण विवरण

 

✅ वनों की अंधाधुंध कटाई (Deforestation) कृषि, सड़क निर्माण, खनन आदि के लिए

✅ अवैध लकड़ी कटाई वनों से गैरकानूनी रूप से लकड़ी निकालना

✅ आग लगना मानव निर्मित या प्राकृतिक कारणों से

✅ चराई का अत्यधिक दबाव विशेषकर शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में

✅ वनों में अतिक्रमण मानव बस्तियों या विकास परियोजनाओं द्वारा

 

 

 

 

🌍 प्रभाव

 

1. जैव विविधता की हानि – कई पौधे और पशु प्रजातियाँ संकट में आ जाती हैं।

 

 

2. मृदा क्षरण (Soil Erosion) – पेड़ों की जड़ें नहीं होने से मिट्टी का कटाव होता है।

 

 

3. जलवायु परिवर्तन में योगदान – कार्बन का भंडारण घटता है और ग्रीनहाउस गैसें बढ़ती हैं।

 

 

4. आदिवासी समुदायों का विस्थापन – वन निर्भर जनजातियाँ सबसे पहले प्रभावित होती हैं।

 

 

 

 

 

🛡️ भारत सरकार के प्रयास

 

योजना / कानून उद्देश्य

 

राष्ट्रीय वन नीति (1988) देश के 33% भूभाग पर वन क्षेत्र लाने का लक्ष्य

CAMPA (Compensatory Afforestation Fund Act) वन कटाई के बदले नए पौधे लगाना

वानिकी अनुसंधान संस्थान (FRI) वैज्ञानिक तरीके से वन संरक्षण

Joint Forest Management (JFM) स्थानीय लोगों को संरक्षण में भागीदार बनाना

 

 

 

 

🌐 वैश्विक प्रयास

 

REDD+ (UNFCCC): Developing देशों को वनों की रक्षा के लिए आर्थिक सहायता।

 

UNEP और FAO परियोजनाएँ: वन पुनर्वास के लिए तकनीकी और वित्तीय समर्थन।

 

वनों का अंतरराष्ट्रीय दिवस (21 मार्च): जन जागरूकता।

 

 

 

 

✅ UPSC के लिए मुख्य बिंदु

 

वनों का क्षरण और वनों की कटाई में अंतर समझें।

 

भारत की राष्ट्रीय वन नीति, CAMPA, और JFM स्कीम की जानकारी रखें।

 

वन और पर्यावरण से जुड़े अंतरराष्ट्रीय समझौते जैसे REDD+ और UNFCCC पढ़ें।

 

मैप पर भारत के प्रमुख वन क्षेत्र (जैसे पश्चिमी घाट, सुंदरबन, अरुणाचल, मध्य भारत) चिन्हित कर सकें।

 

 

 

 

📌 निष्कर्ष

 

वनों का क्षरण केवल पर्यावरण की समस्या नहीं, बल्कि मानव अस्तित्व की चुनौती है। UPSC की दृष्टि से यह एक multidimensional विषय है – जिसमें पर्यावरण, भूगोल, अर्थव्यवस्था और समाज सभी शामिल हैं। इस पर गहरी समझ बनाना परीक्षार्थियों के लिए आवश्यक है।

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