प्राचीन भारत का इतिहास

प्राचीन भारत का इतिहास

 

प्राचीन भारत के इतिहास को मुख्यतः तीन कालखंडों में विभाजित किया जाता है:

1. प्रागैतिहासिक काल (Prehistoric Period)

लेखन पूर्व काल
यह वह समय है जब लेखन प्रणाली विकसित नहीं हुई थी। इसे तीन भागों में बांटा जाता है:

पाषाण युग (Stone Age)
पुरापाषाण युग (Paleolithic Age) – 25 लाख वर्ष पूर्व से 10,000 ईसा पूर्व
मध्यपाषाण युग (Mesolithic Age) – 10,000 ईसा पूर्व से 8000 ईसा पूर्व
नवपाषाण युग (Neolithic Age) – 8000 ईसा पूर्व से 4000 ईसा पूर्व
ताम्र-पाषाण युग (Chalcolithic Age) – 4000 ईसा पूर्व से 1500 ईसा पूर्व

2. ऐतिहासिक काल (Historic Period)

लेखन प्रणाली का विकास
इस काल में लेखन प्रणाली अस्तित्व में आई और सभ्यताएँ विकसित हुईं। इसमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित काल आते हैं:

(i) सिंधु घाटी सभ्यता (Harappan Civilization) – 2500-1750 ईसा पूर्व
प्रमुख नगर: हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, धोलावीरा, लोथल
विशेषता: योजनाबद्ध नगर, जल निकासी प्रणाली, ग्रेट बाथ, मुद्रा प्रणाली

(ii) वैदिक काल (Vedic Period) – 1500-600 ईसा पूर्व
प्रारंभिक वैदिक काल (1500-1000 ईसा पूर्व) – ऋग्वेद की रचना
उत्तर वैदिक काल (1000-600 ईसा पूर्व) – सामाजिक संरचना, वर्ण व्यवस्था, कृषि का विकास

(iii) महाजनपद एवं बौद्ध काल (600-322 ईसा पूर्व)

16 महाजनपदों का उदय
बौद्ध धर्म और जैन धर्म का विकास

(iv) मौर्य साम्राज्य (322-185 ईसा पूर्व)
चंद्रगुप्त मौर्य, बिंदुसार, अशोक
अशोक का धम्म

(v) उत्तर-मौर्यकाल एवं शुंग-कुषाण काल (185 ईसा पूर्व – 300 ईस्वी)
पुष्यमित्र शुंग, कनिष्क

3. गुप्त एवं उत्तर-गुप्त काल (Gupta and Post-Gupta Period) – 300-1200 ईस्वी
(i) गुप्त साम्राज्य (319-550 ईस्वी)
चंद्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य)

स्वर्ण युग – कला, विज्ञान, साहित्य का उत्कर्ष

(ii) उत्तर गुप्त काल एवं हर्षवर्धन (600-647 ईस्वी)
हर्षवर्धन का शासन, बाणभट्ट, ह्वेनसांग की यात्रा

(iii) राजपूत काल (750-1200 ईस्वी)
राष्ट्रकूट, चालुक्य, पाल, प्रतिहार, चोल वंश

पृथ्वीराज चौहान (1191-1192 ईस्वी, तराइन का युद्ध)

संक्षेप में काल विभाजन:
1️⃣ प्रागैतिहासिक काल – (पाषाण युग, ताम्रयुग)

2️⃣ ऐतिहासिक काल – (सिंधु सभ्यता, वैदिक काल, महाजनपद, मौर्य, कुषाण)

3️⃣ गुप्त एवं उत्तर गुप्त काल – (गुप्त साम्राज्य, हर्ष, राजपूत काल)

इसके बाद भारत में मध्यकालीन भारत (1206-1707 ईस्वी) का दौर शुरू होता है।

प्राचीन भारत का इतिहास

1. प्रागैतिहासिक काल (Prehistoric Period)
├── पाषाण युग (Stone Age)
│ ├── पुरापाषाण युग (Paleolithic Age) – 25 लाख वर्ष पूर्व से 10,000 ईसा पूर्व
│ ├── मध्यपाषाण युग (Mesolithic Age) – 10,000 ईसा पूर्व से 8000 ईसा पूर्व
│ ├── नवपाषाण युग (Neolithic Age) – 8000 ईसा पूर्व से 4000 ईसा पूर्व
├── ताम्र-पाषाण युग (Chalcolithic Age) – 4000 ईसा पूर्व से 1500 ईसा पूर्व

2. ऐतिहासिक काल (Historic Period)
├── सिंधु घाटी सभ्यता (Harappan Civilization) – 2500-1750 ईसा पूर्व
├── वैदिक काल (Vedic Period) – 1500-600 ईसा पूर्व
│ ├── प्रारंभिक वैदिक काल (Early Vedic Period) – 1500-1000 ईसा पूर्व
│ ├── उत्तर वैदिक काल (Later Vedic Period) – 1000-600 ईसा पूर्व
├── महाजनपद एवं बौद्ध काल (Mahajanapada Period) – 600-322 ईसा पूर्व
├── मौर्य साम्राज्य (Maurya Empire) – 322-185 ईसा पूर्व
├── शुंग-कुषाण काल (Shunga-Kushan Period) – 185 ईसा पूर्व – 300 ईस्वी

3. गुप्त एवं उत्तर-गुप्त काल (Gupta and Post-Gupta Period)
├── गुप्त साम्राज्य (Gupta Empire) – 319-550 ईस्वी
├── उत्तर गुप्त काल एवं हर्षवर्धन (Post-Gupta & Harshavardhana) – 600-647 ईस्वी
├── राजपूत काल (Rajput Period) – 750-1200 ईस्वी

काल खंड के अनुसार तथ्य:-

1. पाषाण युग (Stone Age)

  • पुरापाषाण युग (Old Stone Age): मनुष्य शिकारी और खाद्य संग्राहक था। आग का आविष्कार और गुफा चित्रकला महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ थीं।
  • मध्यपाषाण युग (Mesolithic Age): छोटे औजारों (Microliths) और पालतू पशुओं का उदय हुआ।
  • नवपाषाण युग (Neolithic Age): कृषि की शुरुआत, स्थायी बस्तियाँ और मिट्टी के बर्तनों का विकास हुआ।

2. सिंधु घाटी सभ्यता (Harappan Civilization) – 2500-1500 ई.पू.

  • भारत की पहली शहरी सभ्यता थी।
  • प्रमुख नगर: हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, लोथल, धोलावीरा।
  • व्यवस्थित नगर योजना, जल निकासी प्रणाली, विशाल स्नानागार और मुद्राएँ महत्वपूर्ण विशेषताएँ थीं।
  • इस सभ्यता का पतन जलवायु परिवर्तन, बाढ़ या आक्रमण के कारण माना जाता है।

3. वैदिक काल (1500-600 ई.पू.)

  • आर्यों का आगमन और ऋग्वैदिक समाज का विकास।
  • प्रारंभिक वैदिक काल में जनजातीय समाज था, जबकि उत्तर वैदिक काल में राज्यों का निर्माण हुआ।
  • वर्ण व्यवस्था, यज्ञ परंपरा और दार्शनिक विचार (उपनिषद्) विकसित हुए।

4. महाजनपद काल (600-300 ई.पू.)

  • 16 महाजनपदों का विकास, जिनमें मगध सबसे शक्तिशाली था।
  • बौद्ध और जैन धर्म का उदय।
  • नंद वंश ने पहली बार पूरे उत्तर भारत को एक शासन के अंतर्गत लाने का प्रयास किया।

5. मौर्य साम्राज्य (322-185 ई.पू.)

  • चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश को हराकर भारत का पहला विशाल साम्राज्य स्थापित किया।
  • मेगस्थनीज़ ने अपनी पुस्तक “इंडिका” में मौर्य प्रशासन का वर्णन किया।
  • अशोक (268-232 ई.पू.) ने कलिंग युद्ध के बाद बौद्ध धर्म को अपनाया और धम्म नीति चलाई।
  • मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद कई छोटे राज्य उभरे।

6. शुंग, सातवाहन और कुषाण साम्राज्य (200 ई.पू.-300 ई.)

  • पुष्यमित्र शुंग ने मौर्यों के पतन के बाद शासन किया।
  • सातवाहन दक्षिण भारत में शक्तिशाली राज्य बना।
  • कुषाण राजा कनिष्क ने बौद्ध धर्म को संरक्षण दिया और गांधार कला को बढ़ावा दिया।

7. गुप्त साम्राज्य (319-550 ई.) – भारत का स्वर्ण युग

  • चंद्रगुप्त प्रथम ने गुप्त साम्राज्य की नींव रखी।
  • समुद्रगुप्त और चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) के शासनकाल में कला, विज्ञान और साहित्य का उत्कर्ष हुआ।
  • आर्यभट्ट ने शून्य की खोज की और कालिदास ने संस्कृत साहित्य को नई ऊँचाइयाँ दीं।
  • नालंदा विश्वविद्यालय शिक्षा का प्रमुख केंद्र बना।

8. हर्षवर्धन का साम्राज्य (606-647 ई.)

  • हर्षवर्धन ने कन्नौज को राजधानी बनाया।
  • चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भारत का दौरा किया।
  • उनके बाद भारत में छोटे-छोटे राज्यों का वर्चस्व रहा।

निष्कर्ष

प्राचीन भारत का इतिहास हमें भारत की सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, धार्मिक और राजनीतिक विरासत को समझने में मदद करता है। यह दौर भारत के समृद्ध अतीत का प्रमाण है, जिसने आगे चलकर मध्यकालीन और आधुनिक भारत की नींव रखी।

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