यूरोपीय शक्तियों का आगमन (Arrival of European Powers in India)

यूरोपीय शक्तियों का आगमन (Arrival of European Powers in India)

परिचय

यूरोपीय शक्तियों का भारत में आगमन मुख्य रूप से व्यापारिक उद्देश्यों से हुआ। भारत की अपार धन-संपदा, मसाले, रेशम और अन्य कीमती वस्तुओं ने यूरोपीय व्यापारियों को आकर्षित किया। 15वीं शताब्दी के अंत से यूरोप के देशों ने समुद्री मार्गों की खोज शुरू की और भारत में अपने व्यापारिक केंद्र स्थापित किए। धीरे-धीरे, व्यापार के साथ-साथ वे राजनीतिक शक्ति भी प्राप्त करने लगे।

प्रमुख यूरोपीय शक्तियों का भारत में आगमन

1. पुर्तगाली (Portuguese) – 1498 ई.

सबसे पहले भारत आने वाले यूरोपीय पुर्तगाली थे। इन्होंने समुद्री मार्ग से भारत आने का प्रयास किया।

वास्को डी गामा (Vasco da Gama)
20 मई 1498 ई. को वास्को डी गामा कालीकट (केरल) पहुँचा।
ज़मोरिन (स्थानीय शासक) ने उन्हें व्यापार की अनुमति दी।
अल्बुकर्क (Albuquerque) (1509-1515 ई.)
1510 ई. में गोवा पर अधिकार किया और इसे पुर्तगाली शासन का केंद्र बनाया।
पुर्तगालियों ने दीव और दमन पर भी कब्जा किया।
मुख्य केंद्र – गोवा, दमन, दीव, कोचीन, कालिकट
पतन – 17वीं शताब्दी में डच और अंग्रेजों के कारण पुर्तगालियों का प्रभाव कम हो गया।

2. डच (Dutch) – 1602 ई.

डचों ने भारत में अंग्रेजों से पहले अपनी व्यापारिक गतिविधियाँ शुरू कीं।

डच ईस्ट इंडिया कंपनी (Dutch East India Company) का गठन – 1602 ई.
मुख्य व्यापारिक केंद्र – मसूलीपट्टनम, नागपट्टनम, पुलेकट, चेंसर
डचों का पतन – 1759 ई. में अंग्रेजों ने डचों को हरा दिया और भारत से उनकी शक्ति समाप्त हो गई।

3. अंग्रेज (British) – 1600 ई.

अंग्रेजों ने भारत में सबसे शक्तिशाली यूरोपीय शक्ति के रूप में खुद को स्थापित किया।

1600 ई. में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (British East India Company) की स्थापना हुई।
1608 ई. – सूरत में पहला ब्रिटिश व्यापारिक कारखाना स्थापित किया गया।
1615 ई. – जहांगीर ने अंग्रेजों को व्यापार की अनुमति दी।
1639 ई. – मद्रास की स्थापना
1668 ई. – बंबई अंग्रेजों को पुर्तगालियों से मिला।
1690 ई. – कोलकाता की स्थापना (जॉब चार्नॉक के द्वारा)।
1757 ई. – प्लासी के युद्ध के बाद बंगाल पर कब्जा।
1764 ई. – बक्सर के युद्ध के बाद भारत में अंग्रेजों का शासन स्थापित।

4. फ्रांसीसी (French) – 1664 ई.

फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी (French East India Company) की स्थापना – 1664 ई.
प्रमुख व्यापारिक केंद्र – पांडिचेरी, चंद्रनगर, माहे, कराइकल

फ्रांसीसी और अंग्रेजों के बीच संघर्ष

कर्नाटक युद्ध (1746-1763 ई.) में अंग्रेजों ने फ्रांसीसियों को हराया।
1761 ई. में अंग्रेजों ने पांडिचेरी पर कब्जा कर लिया।
पतन – 1763 ई. में पेरिस संधि के बाद फ्रांसीसी शक्ति समाप्त हो गई।

यूरोपीय शक्तियों के भारत में प्रभाव

व्यापार पर नियंत्रण – यूरोपीय कंपनियों ने भारत में व्यापारिक एकाधिकार स्थापित किया।
राजनीतिक हस्तक्षेप – अंग्रेजों और फ्रांसीसियों ने भारतीय रियासतों के मामलों में दखल देना शुरू किया।
युद्ध और शासन – अंग्रेजों ने युद्ध के माध्यम से भारत पर शासन करना शुरू किया।
आधुनिक प्रशासनिक प्रणाली – अंग्रेजों ने भारत में आधुनिक प्रशासनिक व्यवस्था लागू की।

निष्कर्ष

यूरोपीय शक्तियों के आगमन से भारत में बड़े सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन हुए। व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के बाद अंग्रेजों ने भारत पर अपना अधिकार स्थापित किया और 1947 तक भारत पर शासन किया।

Leave a Comment

महात्मा गांधी जी ऋतू परिवर्तन