भारत में पुर्तगाली

भारत में पुर्तगाली शासन (1498-1961)

भारत में यूरोपीय शक्तियों के आगमन का पहला चरण पुर्तगालियों के साथ शुरू हुआ। वे भारत आने वाले पहले यूरोपीय थे और लगभग 450 वर्षों तक भारत के कुछ हिस्सों पर शासन किया।

⚓ पुर्तगालियों का भारत आगमन

वास्को द गामा (Vasco da Gama) भारत आने वाला पहला यूरोपीय था।

1498 ई. में वह केरल के कालीकट (कोझिकोड) बंदरगाह पर पहुंचा।

यहां के शासक ज़मोरिन ने उसे व्यापार करने की अनुमति दी।

1502 में वह दोबारा आया और अपना व्यापार बढ़ाया।

🇵🇹 भारत में पुर्तगालियों का विस्तार

फ्रांसिस्को डी अल्मेडा (1505-1509)

भारत में पहला पुर्तगाली वायसराय (Governor) था।

इसने “ब्लू वाटर पॉलिसी” अपनाई, जिसका उद्देश्य हिंद महासागर में पुर्तगाल की नौसेना को मजबूत करना था।

अल्फांसो डी अल्बुकर्क (1509-1515)

भारत में पुर्तगाली साम्राज्य का असली संस्थापक माना जाता है।

1510 में गोवा पर विजय प्राप्त की और इसे पुर्तगाल की राजधानी बनाया।

हिंदुओं और मुसलमानों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया।

पुर्तगालियों ने भारतीय महिलाओं से विवाह को बढ़ावा दिया।

⛵ पुर्तगालियों द्वारा कब्जाए गए क्षेत्र

1. गोवा (1510) – पुर्तगालियों की राजधानी और सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र बना।

2. दीव (1535) और दमण (1559) – गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से संधि के तहत लिए गए।

3. बसेन (वसई) (1534) – इसे बहादुर शाह से प्राप्त किया गया।

4. हुगली (1579) – बंगाल में व्यापारिक केंद्र बनाया गया।

📉 पुर्तगालियों के पतन के कारण

1. डच, अंग्रेजों और फ्रांसीसियों का आगमन – 17वीं शताब्दी में नई यूरोपीय शक्तियों ने व्यापार में पुर्तगालियों को पीछे छोड़ दिया।

2. मुगलों से संघर्ष – 1631 में शाहजहाँ ने हुगली से पुर्तगालियों को बाहर निकाल दिया।

3. मराठों का दबाव – छत्रपति शिवाजी ने पुर्तगालियों को कई बार हराया।

4. ब्रिटिश सत्ता का विस्तार – 19वीं शताब्दी में ब्रिटिशों का भारत पर पूर्ण नियंत्रण हो गया, जिससे पुर्तगाल की शक्ति कमजोर हो गई।

🇮🇳 भारत में पुर्तगाली शासन का अंत

1947 में भारत स्वतंत्र हुआ, लेकिन पुर्तगालियों ने गोवा, दीव और दमण पर कब्जा बनाए रखा।

1961 में भारतीय सेना ने “ऑपरेशन विजय” चलाकर गोवा, दीव और दमण को मुक्त करा लिया।

19 दिसंबर 1961 को पुर्तगाल का भारत से शासन समाप्त हुआ।

📜 पुर्तगालियों की विरासत

किला निर्माण – गोवा, दीव और दमण में कई किले बनाए।

ईसाई धर्म का प्रसार – गोवा में चर्चों का निर्माण किया, जिनमें बोम जीसस चर्च प्रसिद्ध है।

भारतीय खान-पान पर प्रभाव – चिली, आलू, टमाटर और अनानास पुर्तगालियों द्वारा भारत लाए गए।

प्रेस का विकास – भारत का पहला प्रिंटिंग प्रेस 1556 में गोवा में स्थापित हुआ।

🔎 निष्कर्ष

पुर्तगाली भारत में सबसे पहले आए और सबसे लंबे समय तक (लगभग 450 साल) यहां बने रहे। हालांकि 17वीं शताब्दी के बाद उनकी शक्ति कम होती गई, लेकिन उनकी सांस्कृतिक और व्यापारिक विरासत आज भी गोवा और अन्य क्षेत्रों में देखी जा सकती है।

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