भारत में साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामले और RBI की नई गाइडलाइंस
भारत में डिजिटल लेनदेन के बढ़ने के साथ-साथ साइबर फ्रॉड के मामलों में भी जबरदस्त इजाफा हो रहा है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक, 2024 में भारत में 65,000 से ज्यादा साइबर फ्रॉड के केस दर्ज हुए, जो 2023 के मुकाबले 30% ज्यादा हैं। यूपीआई, इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट-डेबिट कार्ड और फर्जी कॉल्स के जरिए ठगी के मामले सबसे ज्यादा देखे जा रहे हैं। यही कारण है कि हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों और फाइनेंशियल कंपनियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं ताकि ग्राहकों के पैसे सुरक्षित रह सकें।
साइबर फ्रॉड के सबसे आम तरीके
फर्जी कॉल्स और SMS से OTP और कार्ड डिटेल्स चोरी करना
नकली ऐप और वेबसाइट के जरिए लोगों को फंसाना
सोशल मीडिया पर लिंक भेजकर मैलवेयर इंस्टॉल करवाना
KYC अपडेट के नाम पर ग्राहकों की जानकारी मांगना
QR कोड स्कैन कराकर पैसा निकालना
क्यों बढ़ रहे हैं साइबर फ्रॉड के मामले?
डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल गांव-शहर हर जगह बढ़ा है, लेकिन लोगों में साइबर सिक्योरिटी को लेकर जागरूकता कम है। वहीं, साइबर ठग नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। कम जानकारी और लापरवाही साइबर अपराधियों का सबसे बड़ा हथियार है।
RBI की नई गाइडलाइंस क्या हैं?
RBI ने बैंकों और पेमेंट कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि
✅ हर डिजिटल ट्रांजेक्शन पर मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूरी होगा।
✅ फिशिंग या स्मिशिंग के मामलों में बैंकों को तुरंत ग्राहक को सूचित करना होगा।
✅ ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल किया जाए।
✅ बैंकों को साइबर फ्रॉड रोकने के लिए AI आधारित रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लगाना होगा।
✅ फर्जीवाड़े के शिकार ग्राहकों को 7 दिन में पैसा वापस करने की प्रक्रिया तेज करनी होगी।
ग्राहक कैसे रहें सुरक्षित?
✔️ कोई भी OTP, PIN या कार्ड डिटेल किसी से शेयर न करें।
✔️ बैंक या RBI के नाम से आए लिंक या कॉल पर भरोसा न करें।
✔️ UPI ऐप पर सिर्फ विश्वसनीय QR कोड और नंबर का ही इस्तेमाल करें।
✔️ अपने बैंक के कस्टमर केयर नंबर को ऑफिशियल वेबसाइट से ही लें।
✔️ मोबाइल, कंप्यूटर और ऐप को समय-समय पर अपडेट रखें।
✔️ अगर कोई संदिग्ध लेनदेन दिखे तो तुरंत बैंक और साइबर सेल (helpline 1930) पर शिकायत करें।
भारत सरकार और CERT-In का रोल
भारत सरकार ने CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team) के जरिए साइबर फ्रॉड मॉनिटरिंग और अलर्ट जारी करने का सिस्टम विकसित किया है। साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) के जरिए भी ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है।
निष्कर्ष
डिजिटल इंडिया के इस दौर में साइबर फ्रॉड रोकने के लिए RBI के नए नियम एक अहम कदम हैं। लेकिन इसके साथ-साथ जरूरी है कि हर नागरिक जागरूक रहे और अपनी डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता दे। क्योंकि जागरूकता ही साइबर अपराध का सबसे बड़ा इलाज है।