स्वतंत्रता दिवस 2025 पर कुछ प्रेरणादायक भाषण
1.
आदरणीय मुख्य अतिथि, शिक्षकगण, अभिभावक और मेरे प्यारे साथियों,
सुप्रभात और आप सभी को 79वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आज 15 अगस्त 2025 है—वह दिन जो हर भारतीय के दिल में गर्व और जोश भर देता है।
15 अगस्त 1947 को हमारे देश ने ब्रिटिश हुकूमत की लंबी गुलामी से मुक्ति पाई थी। यह आज़ादी हमें सहज नहीं मिली, इसके पीछे असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों का संघर्ष, त्याग और बलिदान है। महात्मा गांधी की अहिंसा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का साहस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद और रानी लक्ष्मीबाई जैसी हस्तियों का अदम्य साहस—इन सबके कारण हम आज खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं।
इस वर्ष की थीम है “नया भारत – विकसित भारत 2047”। इसका मतलब है कि आज़ादी सिर्फ अतीत की कहानी नहीं, बल्कि भविष्य की जिम्मेदारी भी है। हमें मिलकर ऐसा भारत बनाना है जो स्वच्छ, शिक्षित, तकनीकी रूप से सक्षम और हर नागरिक के लिए सुरक्षित हो।
आज का भारत युवा ऊर्जा, विज्ञान, खेल, और संस्कृति में दुनिया को नया रास्ता दिखा रहा है। लेकिन असली आज़ादी तभी पूरी होगी जब देश का हर नागरिक खुशहाल, सुरक्षित और आत्मनिर्भर होगा।
तो आइए, इस स्वतंत्रता दिवस पर हम यह संकल्प लें—
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हम अपने देश के संविधान का पालन करेंगे।
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हम भेदभाव और नफरत से दूर रहेंगे।
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हम अपने-अपने क्षेत्र में मेहनत और ईमानदारी से योगदान देंगे।
याद रखिए, “देश हमसे नहीं, हम देश से हैं”।
जब हम सब मिलकर काम करेंगे, तभी हम अपने शहीदों के सपनों का भारत बना पाएँगे।
अंत में, मैं सभी वीर जवानों और शहीदों को नमन करता हूँ, और यही कहना चाहता हूँ—
“वतन की मोहब्बत में दिल ये फिदा,
हम लुटा देंगे, जिगर को जला देंगे,
तिरंगे की शान में जान भी दे देंगे,
ये वादा रहा और रहेगा।”
जय हिंद! वंदे मातरम्!
2.
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, माननीय अतिथि, शिक्षकगण, और मेरे प्रिय साथियों,
सुप्रभात और आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आज हम सभी यहाँ एक विशेष उद्देश्य से एकत्रित हुए हैं—हमारे प्यारे देश भारत की आज़ादी का 79वाँ पर्व मनाने के लिए।
15 अगस्त 1947 का वह ऐतिहासिक दिन हम सभी भारतीयों के लिए गर्व का दिन है, जब हमारे देश ने वर्षों की लंबी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर आज़ादी की साँस ली। इस आज़ादी के पीछे असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान, तपस्या और संघर्ष छुपा है।
महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन, भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे क्रांतिकारियों की वीरता, रानी लक्ष्मीबाई और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का अदम्य साहस—इन सभी ने मिलकर भारत को स्वतंत्र करने का सपना साकार किया।
इस वर्ष 2025 की थीम है – “नया भारत – विकसित भारत 2047”। यह हमें याद दिलाती है कि आज़ादी केवल अतीत की कहानी नहीं, बल्कि भविष्य की जिम्मेदारी भी है। हमें अपने देश को स्वच्छ, शिक्षित, सुरक्षित और विकसित बनाने का संकल्प लेना होगा।
आज हम केवल जश्न मनाने के लिए नहीं, बल्कि यह वादा करने के लिए भी इकट्ठा हुए हैं कि हम संविधान का पालन करेंगे, देश की एकता और अखंडता बनाए रखेंगे, और अपने-अपने क्षेत्रों में ईमानदारी और मेहनत से योगदान देंगे।
आइए, इस स्वतंत्रता दिवस पर हम सब एक साथ मिलकर प्रतिज्ञा लें—
हम अपने देश के गौरव, सम्मान और प्रगति के लिए सदैव समर्पित रहेंगे।
अंत में, मैं उन सभी शहीदों और वीर जवानों को नमन करता हूँ जिन्होंने अपनी जान देकर हमारी आज़ादी की रक्षा की।
जय हिंद! वंदे मातरम्!
3.
आदरणीय मुख्य अतिथि, प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण, अभिभावक और मेरे प्यारे साथियों,
नमस्कार!
आज हम सब यहाँ भारत माता के गौरव को सलाम करने के लिए इकट्ठे हुए हैं।
15 अगस्त सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि यह हमारी आज़ादी, हमारे आत्मसम्मान और हमारी पहचान का प्रतीक है।
1947 से पहले, हमारा देश अंग्रेज़ों की गुलामी में था। तब हमारे पूर्वजों ने, अपने प्राणों की आहुति देकर, हमें स्वतंत्रता दिलाई। महात्मा गांधी की अहिंसा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा”, और भगत सिंह की कुर्बानी—ये सभी आज भी हमें प्रेरित करते हैं।
दोस्तों, आज़ादी हमें विरासत में मिली है, लेकिन इसे बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। 2025 की थीम “नया भारत – विकसित भारत 2047” हमें यह याद दिलाती है कि आने वाले 22 सालों में हमें अपने देश को विश्व में सबसे आगे ले जाने के लिए काम करना होगा।
हमारे जवान सीमा पर खड़े हैं, किसान खेतों में मेहनत कर रहे हैं, वैज्ञानिक नई खोज कर रहे हैं, और हम सबको मिलकर इस देश को बेहतर बनाना है।
इस अवसर पर, मैं आप सभी से एक छोटी सी प्रतिज्ञा करवाना चाहता हूँ—
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हम सदैव देश के कानून का पालन करेंगे।
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हम भेदभाव और नफरत से दूर रहेंगे।
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हम शिक्षा, स्वच्छता और तकनीकी विकास में योगदान देंगे।
याद रखिए,
“देश हमसे नहीं, हम देश से हैं”।
जब हम सब मिलकर ईमानदारी से मेहनत करेंगे, तभी हम अपने शहीदों के सपनों का भारत बना पाएँगे।
अंत में, मैं एक पंक्ति कहना चाहूँगा—
“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मिटने वालों का यही बाक़ी निशां होगा।”
जय हिंद! वंदे मातरम्!
4.
आदरणीय अतिथि, शिक्षकगण और साथियों,
आज 15 अगस्त के दिन हम अपने उन वीरों को नमन करते हैं जिन्होंने हमें आज़ादी दिलाई।
79वें स्वतंत्रता दिवस 2025 की थीम है “नया भारत – विकसित भारत 2047”।
आइए हम सब मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करें जो स्वच्छ, शिक्षित, सुरक्षित और मजबूत हो।
जय हिंद! वंदे मातरम्!
5.
आदरणीय मंचासीन अतिथि, शिक्षकगण और साथियों,
आज 15 अगस्त 2025 को हम अपना 79वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं।
यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की कीमत बलिदान, साहस और एकता से चुकाई जाती है।
इस साल की थीम “नया भारत – विकसित भारत 2047” है—एक ऐसा भारत जो आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से उन्नत और विश्व में अग्रणी हो।
आइए, हम सब वादा करें कि देश की प्रगति के लिए मेहनत करेंगे और अपने तिरंगे का सम्मान हमेशा बनाए रखेंगे।
जय हिंद! वंदे मातरम्!