राष्ट्रीय आय : परिभाषा, मापन और भारत की अर्थव्यवस्था में महत्व

राष्ट्रीय आय : परिभाषा, मापन और भारत की अर्थव्यवस्था में महत्व

परिचय

राष्ट्रीय आय किसी भी देश की आर्थिक प्रगति और विकास का सबसे प्रमुख पैमाना मानी जाती है। यह हमें यह बताती है कि देश में एक निश्चित अवधि (आमतौर पर एक वर्ष) में वस्तुओं और सेवाओं का कुल उत्पादन कितना हुआ और उससे नागरिकों को कितना लाभ मिला। UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से राष्ट्रीय आय का अध्ययन न केवल अर्थशास्त्र बल्कि नीति-निर्माण, बजट, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक न्याय के विषयों से भी गहराई से जुड़ा हुआ है।

Table of Contents


राष्ट्रीय आय की परिभाषा

राष्ट्रीय आय (National Income) से तात्पर्य एक निश्चित अवधि में देश के नागरिकों द्वारा उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मौद्रिक मूल्य से है।

कुछ प्रमुख परिभाषाएँ –

  • Marshall: “राष्ट्रीय आय वह कुल उत्पादन है जो देश में एक वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य है।”

  • UN Definition: “राष्ट्रीय आय किसी देश की सीमाओं के भीतर और विदेशों से नागरिकों द्वारा अर्जित कुल कारक आय (wages, rent, interest, profit) का योग है।”


राष्ट्रीय आय मापन की विधियाँ

राष्ट्रीय आय को मापने के लिए मुख्यतः तीन विधियाँ प्रयुक्त होती हैं:

1. उत्पादन विधि (Production Method)

  • इसमें देश के भीतर सभी क्षेत्रों – कृषि, उद्योग, सेवा – का कुल उत्पादन जोड़ा जाता है।

  • केवल अंतिम वस्तुएँ और सेवाएँ गिनी जाती हैं, मध्यवर्ती वस्तुओं को दोहरी गणना से बचाने हेतु बाहर रखा जाता है।

2. आय विधि (Income Method)

  • इसमें देश में नागरिकों द्वारा अर्जित कुल आय का योग किया जाता है।

  • इसमें वेतन (wages), ब्याज (interest), किराया (rent), लाभ (profit) शामिल होते हैं।

3. व्यय विधि (Expenditure Method)

  • इसमें यह देखा जाता है कि देश में अंतिम वस्तुओं और सेवाओं पर कुल कितना खर्च हुआ।

  • इसमें उपभोग व्यय (Consumption Expenditure), निवेश (Investment), सरकारी व्यय (Government Expenditure) और शुद्ध निर्यात (Exports – Imports) शामिल किए जाते हैं।

👉 भारत में राष्ट्रीय आय का आकलन केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) करता है।


राष्ट्रीय आय से संबंधित महत्वपूर्ण अवधारणाएँ

  1. सकल घरेलू उत्पाद (GDP – Gross Domestic Product):
    देश की सीमाओं के भीतर उत्पादित कुल वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य।

  2. सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP – Gross National Product):
    GDP + विदेशों से शुद्ध आय।

  3. शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (NNP – Net National Product):
    GNP – पूंजीगत वस्तुओं की मूल्यह्रास (Depreciation)।

  4. राष्ट्रीय आय (National Income at Factor Cost):
    NNP – अप्रत्यक्ष कर + सब्सिडी।

  5. प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income):
    राष्ट्रीय आय ÷ जनसंख्या।

👉 UPSC के लिए याद रखना जरूरी है कि भारत में राष्ट्रीय आय का आकलन “Factor Cost” से किया जाता था, लेकिन अब “Market Price” पर किया जाता है।


भारत में राष्ट्रीय आय का इतिहास

  • स्वतंत्रता से पहले भारत में पहली बार राष्ट्रीय आय का अनुमान दादाभाई नौरोजी ने लगाया था, जिसे उनकी प्रसिद्ध पुस्तक “Poverty and Un-British Rule in India” (1901) में प्रस्तुत किया गया।

  • स्वतंत्रता के बाद, राष्ट्रीय आय समिति (National Income Committee) का गठन 1949 में हुआ, जिसकी अध्यक्षता पी.सी. महालनोबिस ने की थी।

  • वर्तमान में राष्ट्रीय आय का आकलन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO – National Statistical Office) करता है।


राष्ट्रीय आय का महत्व

  1. आर्थिक विकास का पैमाना:
    GDP और प्रति व्यक्ति आय से देश की प्रगति का स्तर पता चलता है।

  2. नीति निर्माण:
    सरकार बजट, निवेश नीति, गरीबी उन्मूलन और रोजगार योजनाओं का निर्धारण राष्ट्रीय आय के आधार पर करती है।

  3. अंतरराष्ट्रीय तुलना:
    विश्व बैंक और IMF जैसी संस्थाएँ विभिन्न देशों की आर्थिक स्थिति की तुलना GDP और PCI से करती हैं।

  4. समानता और असमानता का मापन:
    राष्ट्रीय आय का अध्ययन करके समाज में आय वितरण की असमानता का आकलन किया जा सकता है।

  5. विकास योजनाएँ:
    भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ और नीतियाँ राष्ट्रीय आय और वृद्धि दर को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं।


भारत में राष्ट्रीय आय की स्थिति

  1. क्षेत्रवार योगदान (2024-25):

  • कृषि क्षेत्र – लगभग 17%

  • उद्योग क्षेत्र – लगभग 25%

  • सेवा क्षेत्र – लगभग 58%

  1. भारत की अर्थव्यवस्था की विशेषताएँ:

  • सेवा क्षेत्र का प्रभुत्व

  • कृषि पर बड़ी आबादी की निर्भरता

  • असमान आय वितरण

  • निम्न प्रति व्यक्ति आय (वैश्विक औसत से कम)

  1. GDP वृद्धि दर (2024):
    भारत की GDP वृद्धि दर लगभग 6–6.5% अनुमानित की गई है, जो विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ है।


राष्ट्रीय आय की गणना में चुनौतियाँ

  1. अव्यवस्थित (Unorganized) क्षेत्र:
    भारत की बड़ी आबादी असंगठित क्षेत्र में कार्य करती है, जिससे आय का सही आकलन कठिन होता है।

  2. कृषि क्षेत्र की समस्याएँ:
    कृषि में उत्पादकता और आय का सटीक मापन नहीं हो पाता।

  3. सूचना की कमी:
    गाँव और छोटे उद्योगों से आंकड़े जुटाना मुश्किल।

  4. काला धन और समानांतर अर्थव्यवस्था:
    काला धन राष्ट्रीय आय में शामिल नहीं होता, जिससे वास्तविक तस्वीर धुंधली रहती है।


राष्ट्रीय आय और UPSC दृष्टिकोण

UPSC परीक्षा में राष्ट्रीय आय से जुड़े प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। जैसे –

  • GDP, GNP, NNP की परिभाषाएँ।

  • राष्ट्रीय आय मापन की विधियाँ।

  • भारत में राष्ट्रीय आय का इतिहास।

  • राष्ट्रीय आय और आर्थिक विकास के बीच संबंध।

  • हाल के आँकड़े और नीतियाँ।

👉 उदाहरण प्रश्न (UPSC Prelims):
प्रश्न: यदि किसी देश का GDP बढ़ रहा है तो इसका क्या अर्थ है?
(a) देश में वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन बढ़ रहा है।
(b) देश की जनसंख्या घट रही है।
(c) देश में बेरोजगारी कम हो रही है।
(d) देश की महँगाई दर घट रही है।

उत्तर: (a)


निष्कर्ष

राष्ट्रीय आय केवल एक आर्थिक सूचकांक नहीं है, बल्कि यह किसी भी देश के नागरिकों के जीवन-स्तर, रोजगार, विकास और सामाजिक न्याय को मापने का आधार है। भारत जैसे विकासशील देश में राष्ट्रीय आय का सटीक मापन अत्यंत आवश्यक है ताकि योजनाएँ प्रभावी हों और आर्थिक असमानता कम की जा सके। UPSC अभ्यर्थियों के लिए राष्ट्रीय आय की गहन समझ न केवल परीक्षा में बल्कि वास्तविक जीवन में भी उपयोगी है।

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राष्ट्रीय आय पर प्रश्नोत्तर (National Income Q&A for UPSC)

Q1. राष्ट्रीय आय क्या है?

उत्तर:
राष्ट्रीय आय वह कुल मौद्रिक मूल्य है जो किसी देश में एक निश्चित अवधि (आमतौर पर एक वर्ष) में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का होता है। इसमें नागरिकों द्वारा विदेशों से अर्जित आय भी शामिल होती है।


Q2. राष्ट्रीय आय को मापने की प्रमुख विधियाँ कौन-सी हैं?

उत्तर:
राष्ट्रीय आय मापन की तीन प्रमुख विधियाँ हैं –

  1. उत्पादन विधि (Production Method): सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य का योग।

  2. आय विधि (Income Method): नागरिकों द्वारा अर्जित कुल आय (वेतन, ब्याज, किराया, लाभ) का योग।

  3. व्यय विधि (Expenditure Method): अंतिम वस्तुओं और सेवाओं पर कुल खर्च का आकलन।


Q3. GDP, GNP और NNP में क्या अंतर है?

उत्तर:

  • GDP (Gross Domestic Product): देश की सीमाओं के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य।

  • GNP (Gross National Product): GDP + विदेशों से नागरिकों की शुद्ध आय।

  • NNP (Net National Product): GNP – पूंजीगत वस्तुओं का मूल्यह्रास।


Q4. भारत में राष्ट्रीय आय का आकलन कौन करता है?

उत्तर:
भारत में राष्ट्रीय आय का आकलन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO – National Statistical Office) द्वारा किया जाता है। पहले यह कार्य CSO (Central Statistical Organisation) करता था।


Q5. भारत में राष्ट्रीय आय का पहला आकलन किसने किया था?

उत्तर:
भारत में राष्ट्रीय आय का पहला आकलन दादाभाई नौरोजी ने किया था। उन्होंने अपनी पुस्तक “Poverty and Un-British Rule in India” (1901) में इसका उल्लेख किया।


Q6. राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय में क्या अंतर है?

उत्तर:

  • राष्ट्रीय आय: पूरे देश में एक वर्ष में अर्जित कुल उत्पादन और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य।

  • प्रति व्यक्ति आय: राष्ट्रीय आय ÷ कुल जनसंख्या। यह नागरिकों के औसत जीवन स्तर को दर्शाती है।


Q7. भारत में राष्ट्रीय आय का क्षेत्रवार योगदान (2024-25) कितना है?

उत्तर:

  • कृषि क्षेत्र – लगभग 17%

  • उद्योग क्षेत्र – लगभग 25%

  • सेवा क्षेत्र – लगभग 58%

👉 सेवा क्षेत्र (Service Sector) सबसे अधिक योगदान देता है।


Q8. राष्ट्रीय आय के सही आकलन में क्या चुनौतियाँ हैं?

उत्तर:

  1. असंगठित क्षेत्र का बड़ा आकार।

  2. कृषि उत्पादन और आय का सटीक आंकड़ा जुटाना कठिन।

  3. काला धन और समानांतर अर्थव्यवस्था।

  4. आँकड़ों की कमी और सूचना की अपूर्णता।


Q9. UPSC परीक्षा में राष्ट्रीय आय से जुड़े किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं?

उत्तर:

  • GDP, GNP, NNP की परिभाषाएँ।

  • राष्ट्रीय आय मापन की विधियाँ।

  • भारत में राष्ट्रीय आय का इतिहास।

  • राष्ट्रीय आय और विकास के बीच संबंध।

  • हाल की GDP वृद्धि दर और क्षेत्रवार योगदान।


Q10. भारत में वर्तमान (2024-25) GDP वृद्धि दर कितनी है?

उत्तर:
2024-25 में भारत की GDP वृद्धि दर लगभग 6–6.5% अनुमानित की गई है, जो विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ है।


Q11. UPSC Prelims Level का एक उदाहरण प्रश्न:

प्रश्न: यदि किसी देश का GDP बढ़ रहा है तो इसका क्या अर्थ है?
(a) देश में वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन बढ़ रहा है।
(b) देश की जनसंख्या घट रही है।
(c) देश में बेरोजगारी कम हो रही है।
(d) देश की महँगाई दर घट रही है।

उत्तर: (a) देश में वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन बढ़ रहा है।

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