India’s Defence Exports Record 2025 – भारत का रक्षा निर्यात में नया कीर्तिमान
परिचय
भारत पहले रक्षा उपकरणों का बड़ा आयातक (Importer) माना जाता था, लेकिन 2025 में भारत ने इतिहास रच दिया है। इस वर्ष भारत ने अब तक का सबसे अधिक रक्षा निर्यात (Defence Exports) किया और दुनिया के Top 10 Defence Exporting Nations में जगह बना ली। यह उपलब्धि भारत की आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) पहल, मेक इन इंडिया और रक्षा उद्योग सुधार का नतीजा है।
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भारत का रक्षा निर्यात – आँकड़े
2025 में भारत का रक्षा निर्यात ₹21,000 करोड़ (लगभग $2.5 Billion) से अधिक पहुँच गया।
पिछले 5 वर्षों में रक्षा निर्यात में 10 गुना वृद्धि दर्ज की गई।
रक्षा मंत्रालय (MoD) के अनुसार, 2029 तक भारत का लक्ष्य है कि निर्यात ₹50,000 करोड़ (लगभग $6 Billion) तक पहुँचे।
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रक्षा निर्यात में प्रमुख उत्पाद
भारत से किन-किन रक्षा उपकरणों और तकनीकों का निर्यात हुआ?
1. HAL Tejas Fighter Aircraft – कई देशों ने रुचि दिखाई है।
2. BrahMos Supersonic Cruise Missile – फिलीपींस और अन्य देशों को आपूर्ति।
3. Advanced Light Helicopter (ALH) Dhruv – दक्षिण एशिया और अफ्रीका के देशों को निर्यात।
4. Pinaka Multi-Barrel Rocket System – कुछ अफ्रीकी देशों को आपूर्ति।
5. Radars, Simulators, Armoured Vehicles और Naval Systems – विभिन्न देशों को निर्यात।
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रक्षा निर्यात में योगदान देने वाली प्रमुख कंपनियाँ
HAL (Hindustan Aeronautics Limited)
BEL (Bharat Electronics Limited)
BEML (Bharat Earth Movers Limited)
BrahMos Aerospace
Adani Defence & Aerospace
L&T Defence
Tata Advanced Systems
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सरकार के कदम और नीतियाँ
भारत सरकार ने रक्षा निर्यात बढ़ाने के लिए कई अहम नीतिगत कदम उठाए:
1. Defence Production and Export Promotion Policy (DPEPP) 2020
लक्ष्य: रक्षा निर्यात को बढ़ावा देना और भारत को Defence Manufacturing Hub बनाना।
2. FDI Reforms
रक्षा क्षेत्र में 74% तक FDI की अनुमति।
3. Positive Indigenisation List
400 से अधिक रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक, ताकि देश में ही निर्माण हो।
4. Defence Corridors
उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा उद्योग कॉरिडोर स्थापित किए गए।
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भारत के लिए महत्व
1. आर्थिक लाभ: रक्षा निर्यात से अरबों डॉलर की आमदनी।
2. रोजगार सृजन: लाखों युवाओं को रोजगार।
3. रणनीतिक शक्ति: दुनिया में भारत की रक्षा क्षमता और तकनीकी छवि मजबूत।
4. आत्मनिर्भर भारत: विदेशों पर निर्भरता कम।
5. डिप्लोमैटिक टूल: रक्षा निर्यात से देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी मजबूत।
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चुनौतियाँ
Global Competition: अमेरिका, रूस, चीन जैसे बड़े निर्यातकों से मुकाबला।
Cost Efficiency: भारतीय उत्पादों को सस्ता और प्रभावी बनाना।
Quality Standards: Global Defence Standards के अनुरूप उत्पादन।
Technology Gap: Cutting-edge Technology में अभी सुधार की ज़रूरत।
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भविष्य की संभावनाएँ
2030 तक भारत का लक्ष्य है कि वह Top 5 Defence Exporters में शामिल हो।
भारत South Asia, Africa और Latin America के देशों को सस्ते और भरोसेमंद Defence Equipment सप्लाई कर सकता है।
Make in India + Startups + Private Sector Participation से भारत की Defence Economy और मजबूत होगी।
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निष्कर्ष
2025 में भारत का रक्षा निर्यात रिकॉर्ड बनाना सिर्फ आर्थिक सफलता नहीं, बल्कि यह रणनीतिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। आने वाले वर्षों में यदि भारत Research, Innovation और Global Partnership पर ध्यान देता रहा, तो वह दुनिया के सबसे बड़े रक्षा निर्यातक देशों में से एक बन सकता है।
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📌 GK Practice Questions (Exam-Oriented)
Q1. 2025 में भारत का रक्षा निर्यात कितना पहुँचा?
👉 ₹21,000 करोड़ (लगभग $2.5 Billion)
Q2. भारत ने रक्षा निर्यात में कौन सा रिकॉर्ड बनाया?
👉 पहली बार Top 10 Defence Exporters में शामिल हुआ।
Q3. कौन-कौन से प्रमुख उत्पाद निर्यात किए गए?
👉 Tejas Aircraft, BrahMos Missile, ALH Dhruv, Pinaka Rockets, Radars
Q4. Defence Corridors कहाँ स्थापित हैं?
👉 उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु
Q5. भारत का रक्षा निर्यात लक्ष्य 2029 तक कितना है?
👉 ₹50,000 करोड़
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