महात्मा गांधी का जीवन परिचय: विचार, दर्शन और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

महात्मा गांधी: सत्य और अहिंसा के पुजारी

 

परिचय

 

महात्मा गांधी, जिन्हें पूरी दुनिया “Father of the Nation” और Mahatma (महान आत्मा) के नाम से जानती है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े नेता और मार्गदर्शक रहे। वे केवल एक राजनेता नहीं बल्कि सत्य, अहिंसा, नैतिकता और आत्मबल के प्रतीक थे। गांधीजी का पूरा जीवन एक आदर्श की तरह है, जिसने भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित किया।

महात्मा गांधी का ब्लैक एंड व्हाइट पोर्ट्रेट – गांधी युग, सत्य और अहिंसा के प्रतीक
महात्मा गांधी का सरल और प्रभावशाली व्यक्तित्व, सत्य और अहिंसा के संदेश के साथ।

 

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

 

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनके पिता करमचंद गांधी पोरबंदर रियासत के दीवान थे और माता पुतलीबाई धार्मिक विचारों वाली महिला थीं।

 

गांधीजी का बचपन साधारण वातावरण में बीता। 13 वर्ष की उम्र में उनका विवाह कस्तूरबा गांधी से हुआ। 1888 में वे इंग्लैंड गए और वहां से कानून (Law) की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे वकालत करने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए।

 

 

 

दक्षिण अफ्रीका में संघर्ष और सत्याग्रह की शुरुआत

 

दक्षिण अफ्रीका में गांधीजी को रंगभेद और नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा। ट्रेन की फर्स्ट क्लास बोगी से केवल इसलिए उतार दिया गया क्योंकि वे भारतीय थे। इस घटना ने उनके जीवन की दिशा बदल दी।

 

यहीं से उन्होंने सत्याग्रह (Truth Force) और अहिंसात्मक आंदोलन की नींव रखी। दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने भारतीय समुदाय को एकजुट किया और अंग्रेज़ सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन चलाए।

 

 

 

भारत वापसी और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

 

1915 में गांधीजी भारत लौटे। गोपाल कृष्ण गोखले जैसे नेताओं से प्रेरणा लेकर उन्होंने भारतीय राजनीति में प्रवेश किया। कुछ प्रमुख आंदोलनों का नेतृत्व उन्होंने किया –

 

1. चंपारण सत्याग्रह (1917) – बिहार के किसानों को नील की खेती से मुक्ति दिलाई।

 

 

2. अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन (1918) – मजदूरों के हक़ के लिए आवाज़ उठाई।

 

 

3. खिलाफत आंदोलन (1919-20) – हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए योगदान।

 

 

4. असहयोग आंदोलन (1920) – ब्रिटिश शासन का बहिष्कार।

 

 

5. नमक सत्याग्रह (दांडी मार्च, 1930) – अंग्रेज़ों के नमक कानून को तोड़ने का ऐतिहासिक अभियान।

 

 

6. भारत छोड़ो आंदोलन (1942) – “अंग्रेज़ों भारत छोड़ो” का नारा दिया।

 

 

 

इन आंदोलनों ने ब्रिटिश सरकार की नींव हिला दी और भारत की स्वतंत्रता की राह आसान की।

 

 

 

गांधीजी के विचार और दर्शन

 

गांधीजी केवल राजनीतिक नेता नहीं थे, वे एक दार्शनिक और सामाजिक सुधारक भी थे।

 

सत्य (Truth): गांधीजी का मानना था कि सत्य ही ईश्वर है।

 

अहिंसा (Non-Violence): उनका विश्वास था कि हिंसा से कभी स्थायी शांति नहीं आ सकती।

 

स्वदेशी (Self-Reliance): उन्होंने चरखे के माध्यम से स्वदेशी को बढ़ावा दिया।

 

सर्व धर्म समभाव (Religious Harmony): सभी धर्मों को समान मानना।

 

सादा जीवन, उच्च विचार: गांधीजी सादगी और नैतिकता के प्रतीक थे।

 

 

 

 

गांधीजी का व्यक्तिगत जीवन

 

गांधीजी का जीवन बहुत सादा था। वे साधारण कपड़े पहनते, शाकाहारी भोजन करते और आत्मअनुशासन में विश्वास रखते थे। उनकी दिनचर्या में प्रार्थना, चरखा कातना और लेखन शामिल था।

 

 

 

स्वतंत्रता के बाद और शहादत

 

भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली। लेकिन गांधीजी विभाजन और साम्प्रदायिक हिंसा से बेहद दुखी हुए। वे हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए अंतिम समय तक प्रयासरत रहे।

 

30 जनवरी 1948 को नथूराम गोडसे ने उन्हें गोली मार दी। “हे राम” उनके अंतिम शब्द माने जाते हैं।

 

 

 

गांधीजी की विश्व स्तर पर प्रासंगिकता

 

गांधीजी की विचारधारा ने केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया को प्रेरित किया।

 

मार्टिन लूथर किंग जूनियर (अमेरिका)

 

नेल्सन मंडेला (दक्षिण अफ्रीका)

 

आंग सान सू की (म्यांमार)

 

 

सभी ने गांधीजी के अहिंसा और सत्याग्रह को अपनाया।

 

 

 

आज के समय में गांधीजी का महत्व

 

आज की दुनिया हिंसा, आतंकवाद, लालच और असमानता से जूझ रही है। ऐसे समय में गांधीजी के विचार और भी ज्यादा प्रासंगिक हैं।

 

पर्यावरण संरक्षण

 

शांति और अहिंसा

 

सामाजिक न्याय

 

आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat)

 

 

गांधीजी का संदेश हर इंसान के लिए एक प्रकाशपुंज की तरह है।

महात्मा गांधी का दर्शन

 

महात्मा गांधी केवल स्वतंत्रता संग्राम के नेता नहीं थे, बल्कि एक दार्शनिक, समाज सुधारक और विचारक भी थे। उनका दर्शन भारतीय परंपरा, सत्य, अहिंसा और नैतिक मूल्यों पर आधारित था। गांधीजी के दर्शन ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया।

 

 

 

1. सत्य (Truth)

 

गांधीजी कहते थे – “सत्य ही ईश्वर है।”

 

उनके अनुसार सत्य की खोज ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य है।

 

उन्होंने कहा कि झूठ और छल से कभी स्थायी शांति या सफलता नहीं मिल सकती।

 

 

 

 

2. अहिंसा (Non-Violence)

 

गांधीजी का सबसे बड़ा संदेश था – अहिंसा परमो धर्मः।

 

उनका मानना था कि हिंसा से केवल नफ़रत और द्वेष पैदा होता है, जबकि अहिंसा से दिल जीते जा सकते हैं।

 

उन्होंने अपने आंदोलनों में कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया।

 

 

 

 

3. सत्याग्रह (Satyagraha)

 

“सत्याग्रह” गांधीजी का सबसे प्रभावशाली राजनीतिक और सामाजिक हथियार था।

 

इसका अर्थ है – सत्य की शक्ति या आत्मबल।

 

सत्याग्रह का आधार अहिंसा है और इसका लक्ष्य अन्याय का शांतिपूर्ण विरोध करना है।

 

 

 

 

4. स्वराज और आत्मनिर्भरता (Swaraj & Self-Reliance)

 

गांधीजी ने कहा कि असली स्वतंत्रता केवल अंग्रेज़ों से आज़ादी नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता है।

 

उन्होंने चरखे और खादी का प्रचार किया ताकि हर भारतीय अपने श्रम से स्वावलंबी बन सके।

 

उनका “स्वदेशी” दर्शन आज के “आत्मनिर्भर भारत” (Self-Reliant India) से मेल खाता है।

 

 

 

 

5. सर्व धर्म समभाव (Religious Harmony)

 

गांधीजी सभी धर्मों को समान मानते थे।

 

उनका मानना था कि हर धर्म का मूल सार मानवता और ईश्वर भक्ति है।

 

उन्होंने हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी समुदायों को एकजुट करने का प्रयास किया।

 

 

 

 

6. सादा जीवन, उच्च विचार (Simple Living, High Thinking)

 

गांधीजी स्वयं बहुत सादा जीवन जीते थे।

 

साधारण वस्त्र पहनना, शाकाहारी भोजन करना और आत्मअनुशासन उनका जीवन दर्शन था।

 

उनका मानना था कि बाहरी दिखावे से ज़्यादा ज़रूरी है अंदर की शुद्धता और ईमानदारी।

 

 

 

 

7. समाज सुधार (Social Reforms)

 

गांधीजी ने छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ आवाज़ उठाई।

 

उन्होंने दलितों को “हरिजन” नाम दिया और उनके उत्थान के लिए कार्य किया।

 

उन्होंने शराबबंदी, स्वच्छता और महिला शिक्षा पर भी ज़ोर दिया।

 

 

 

 

8. शांति और मानवता (Peace & Humanity)

 

गांधीजी का मानना था कि युद्ध और हिंसा से केवल विनाश होता है।

 

उनका दर्शन पूरी मानवता को शांति, प्रेम और करुणा का संदेश देता है।

 

 

 

 

निष्कर्ष

 

महात्मा गांधी का जीवन मानवता, सत्य और अहिंसा का प्रतीक है। उन्होंने दिखाया कि बिना हथियार उठाए भी साम्राज्य को झुकाया जा सकता है। गांधीजी केवल भारत के नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए एक आदर्श बने रहेंगे।

महात्मा गांधी से जुड़े 10 महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर (FAQ)

 

Q1. महात्मा गांधी का पूरा नाम क्या था?

👉 महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।

 

Q2. गांधीजी का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

👉 उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।

 

Q3. महात्मा गांधी को ‘महात्मा’ की उपाधि किसने दी थी?

👉 यह उपाधि रवींद्रनाथ टैगोर ने दी थी।

 

Q4. गांधीजी ने पहली बार सत्याग्रह आंदोलन कहाँ शुरू किया था?

👉 पहला सत्याग्रह उन्होंने दक्षिण अफ्रीका (1906) में शुरू किया था।

 

Q5. भारत में गांधीजी का पहला सत्याग्रह आंदोलन कौन-सा था?

👉 भारत में पहला सत्याग्रह चंपारण सत्याग्रह (1917, बिहार) था।

 

Q6. दांडी मार्च किस वर्ष हुआ था और इसका उद्देश्य क्या था?

👉 दांडी मार्च 1930 में हुआ था। इसका उद्देश्य अंग्रेज़ों के नमक कानून का विरोध करना था।

 

Q7. भारत छोड़ो आंदोलन कब शुरू हुआ था?

👉 भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त 1942 को गांधीजी ने शुरू किया था।

 

Q8. गांधीजी की हत्या कब और किसने की थी?

👉 उनकी हत्या 30 जनवरी 1948 को नथूराम गोडसे ने की थी।

 

Q9. गांधीजी का प्रिय भजन कौन-सा था?

👉 “वैष्णव जन तो तेने कहिए” गांधीजी का प्रिय भजन था।

 

Q10. महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ किसने कहा था?

👉 सुभाष चंद्र बोस ने गांधीजी को “राष्ट्रपिता” कहकर संबोधित किया था।

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