भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख आंदोलन
परिचय
भारत का स्वतंत्रता संग्राम केवल अंग्रेज़ी हुकूमत से मुक्ति पाने का संघर्ष नहीं था, बल्कि यह भारतीय समाज, संस्कृति और आत्मसम्मान की रक्षा का भी युद्ध था। यह संग्राम लगभग दो सौ वर्षों तक चला, जिसमें लाखों लोगों ने बलिदान दिया और अनगिनत आंदोलनों का सूत्रपात हुआ। इस लेख में हम भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख आंदोलनों का क्रमवार विवरण समझेंगे।
—
1. 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (सिपाही विद्रोह)
1857 का विद्रोह भारत के स्वतंत्रता संग्राम का पहला बड़ा प्रयास माना जाता है।
प्रारंभ: 10 मई 1857, मेरठ से।
कारण: सैनिकों को धार्मिक भावनाओं के विपरीत कारतूस देना, ब्रिटिश शोषण, सामंती व्यवस्था का अंत।
नेता: मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, कुंवर सिंह, बेगम हजरत महल।
परिणाम: विद्रोह असफल रहा, लेकिन इसने स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी और भारतीयों में आत्मविश्वास जगाया।
—
2. स्वदेशी आंदोलन (1905–1908)
बंगाल विभाजन (1905) के विरोध में चला यह आंदोलन भारतीय इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ।
इसमें विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने पर जोर दिया गया।
प्रमुख नेता: बाल गंगाधर तिलक, बिपिन चंद्र पाल, लाला लाजपत राय, रवींद्रनाथ टैगोर।
इस आंदोलन ने राष्ट्रीयता की भावना को प्रबल किया।
—
3. होम रूल आंदोलन (1916)
इस आंदोलन का उद्देश्य भारत को स्वशासन (Home Rule) दिलाना था।
नेता: एनी बेसेंट और बाल गंगाधर तिलक।
इसने जनता में स्वराज्य की अवधारणा को स्थापित किया।
—
4. असहयोग आंदोलन (1920–1922)
कारण: जलियांवाला बाग हत्याकांड, रौलेट एक्ट, खिलाफत आंदोलन।
नेता: महात्मा गांधी।
कार्य: विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार, सरकारी नौकरी और विद्यालय छोड़ना, अदालतों का बहिष्कार।
समाप्ति: चौरी-चौरा कांड (1922) के बाद गांधीजी ने आंदोलन वापस ले लिया।
—
5. सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930–1934)
12 मार्च 1930 को गांधीजी ने दांडी यात्रा (नमक सत्याग्रह) से इसकी शुरुआत की।
इसका उद्देश्य अंग्रेजों के नमक कानून का उल्लंघन कर ब्रिटिश सत्ता को चुनौती देना था।
इस आंदोलन में महिलाएँ और किसान बड़ी संख्या में जुड़े।
—
6. भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
8 अगस्त 1942 को मुंबई में कांग्रेस अधिवेशन में गांधीजी ने “अंग्रेजों भारत छोड़ो” का नारा दिया।
इस आंदोलन में लाखों भारतीयों ने जेल भरी और भूमिगत संगठनों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
यह आंदोलन अंग्रेज़ी शासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना।
—
7. क्रांतिकारी आंदोलन
स्वतंत्रता के लिए कई क्रांतिकारियों ने हथियार उठाए।
प्रमुख संगठन: गदर पार्टी, हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA)।
प्रमुख क्रांतिकारी: भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद, बटुकेश्वर दत्त।
इन क्रांतिकारियों ने अपने बलिदान से युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम में झोंक दिया।
—
8. आज़ाद हिंद फौज और नेताजी सुभाष चंद्र बोस
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने विदेश जाकर आज़ाद हिंद फौज बनाई।
उनका नारा था – “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा।”
INA ने अंग्रेजों की जड़ों को हिलाकर रख दिया और भारतीय सेना के मनोबल को स्वतंत्रता की ओर मोड़ दिया।
—
निष्कर्ष
भारत का स्वतंत्रता संग्राम केवल एक राजनीतिक आंदोलन नहीं था, बल्कि यह भारतीय आत्मसम्मान, संस्कृति और स्वतंत्रता की रक्षा का सामूहिक प्रयास था। लाखों बलिदानों, आंदोलनों और संघर्षों ने 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता दिलाई।
—
10 महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1. 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहाँ से प्रारंभ हुआ?
उत्तर: मेरठ से।
प्रश्न 2. बंगाल विभाजन के विरोध में कौन-सा आंदोलन चला?
उत्तर: स्वदेशी आंदोलन (1905–1908)।
प्रश्न 3. होम रूल आंदोलन के नेता कौन थे?
उत्तर: एनी बेसेंट और बाल गंगाधर तिलक।
प्रश्न 4. असहयोग आंदोलन कब शुरू हुआ?
उत्तर: 1920 में।
प्रश्न 5. चौरी-चौरा कांड किस आंदोलन से जुड़ा है?
उत्तर: असहयोग आंदोलन।
प्रश्न 6. दांडी यात्रा किस आंदोलन से संबंधित है?
उत्तर: सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930)।
प्रश्न 7. “भारत छोड़ो” नारा कब दिया गया?
उत्तर: 8 अगस्त 1942।
प्रश्न 8. भगत सिंह किस संगठन से जुड़े थे?
उत्तर: हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA)।
प्रश्न 9. आज़ाद हिंद फौज किसने बनाई थी?
उत्तर: नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने।
प्रश्न 10. भारत कब स्वतंत्र हुआ?
उत्तर: 15 अगस्त 1947।
भारतीय संविधान के प्रमुख अनुच्छेद और संशोधन