भारत के उप-प्रधानमंत्री: पद, नियुक्ति, शक्तियाँ, नाम सूची, कार्यकाल और खास बातें
प्रस्तावना
भारत के उप-प्रधानमंत्री (Deputy Prime Minister of India) का पद भारतीय राजनीति में विशेष महत्व रखता है। हालांकि यह पद संविधान में अनिवार्य नहीं है, लेकिन समय-समय पर इसे राष्ट्रीय राजनीति में संतुलन बनाने, गठबंधन सरकार को स्थिर करने और प्रधानमंत्री की कार्यभार में सहायता करने के लिए बनाया गया। अब तक (2025 तक) केवल 7 नेताओं ने इस पद को संभाला है।
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उप-प्रधानमंत्री की नियुक्ति और शक्तियाँ
1. नियुक्ति – उप-प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर नियुक्त करते हैं।
2. शक्तियाँ –
प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति में कैबिनेट का संचालन कर सकते हैं।
मंत्रालयों और विभागों का प्रबंधन।
गठबंधन सरकार में सहयोगी दलों को संतुलित करना।
प्रधानमंत्री के बाद सबसे वरिष्ठ मंत्री के रूप में काम करना।
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अब तक बने उप-प्रधानमंत्री और उनका कार्यकाल
क्रमांक नाम कार्यकाल खास योगदान
1 सरदार वल्लभभाई पटेल 15 अगस्त 1947 – 15 दिसम्बर 1950 भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री, लौह पुरुष, रियासतों का भारत में विलय
2 मोरारजी देसाई 13 मार्च 1967 – 16 जुलाई 1969 आर्थिक नीतियों पर काम, बाद में प्रधानमंत्री बने
3 जगजीवन राम 24 मार्च 1977 – 28 जुलाई 1979 दलित नेता, जनता पार्टी सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका
4 चरण सिंह 24 जनवरी 1979 – 28 जुलाई 1979 किसान नेता, ग्रामीण नीतियों पर कार्य, बाद में प्रधानमंत्री
5 यशवंतराव चव्हाण 28 जुलाई 1979 – 14 जनवरी 1980 महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री, रक्षा/विदेश/गृह मंत्रालय में अहम भूमिका
6 चौधरी देवी लाल 2 दिसम्बर 1989 – 1 अगस्त 1990 और 10 नवम्बर 1990 – 21 जून 1991 हरियाणा के किसान नेता, VP सिंह और चंद्रशेखर सरकार में उप-प्रधानमंत्री
7 लालकृष्ण आडवाणी 29 जून 2002 – 22 मई 2004 अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उप-प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति में योगदान
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खास बातें
अब तक 7 नेता उप-प्रधानमंत्री बने हैं।
यह पद संवैधानिक रूप से अनिवार्य नहीं है।
2004 के बाद से अब तक (2025 तक) कोई उप-प्रधानमंत्री नियुक्त नहीं हुआ।
यह पद मुख्यतः राजनीतिक संतुलन और गठबंधन की मजबूरी में दिया जाता है।
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निष्कर्ष
भारत के उप-प्रधानमंत्री पद ने भारतीय राजनीति में संतुलन, नेतृत्व और प्रशासनिक मजबूती प्रदान की है। सरदार पटेल से लेकर लालकृष्ण आडवाणी तक, इन नेताओं ने स्वतंत्र भारत की राजनीति और नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई। यद्यपि यह पद स्थायी नहीं है, लेकिन जब भी इसकी आवश्यकता हुई, तब इसने भारतीय लोकतंत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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उप-प्रधानमंत्री पर 10 महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर
प्र1. भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री कौन थे?
उ – सरदार वल्लभभाई पटेल।
प्र2. उप-प्रधानमंत्री का पद संविधान में अनिवार्य है या नहीं?
उ – नहीं, यह अनिवार्य पद नहीं है।
प्र3. अब तक भारत में कितने उप-प्रधानमंत्री बने हैं?
उ – कुल 7 नेता।
प्र4. किस उप-प्रधानमंत्री को “लौह पुरुष” कहा जाता है?
उ – सरदार वल्लभभाई पटेल।
प्र5. 1989 में VP सिंह सरकार में उप-प्रधानमंत्री कौन बने थे?
उ – चौधरी देवी लाल।
प्र6. महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री और उप-प्रधानमंत्री कौन थे?
उ – यशवंतराव चव्हाण।
प्र7. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उप-प्रधानमंत्री कौन थे?
उ – लालकृष्ण आडवाणी।
प्र8. किसान नेता के रूप में प्रसिद्ध दो उप-प्रधानमंत्री कौन-कौन थे?
उ – चौधरी चरण सिंह और चौधरी देवी लाल।
प्र9. आपातकाल के बाद जनता पार्टी सरकार में उप-प्रधानमंत्री कौन बने?
उ – जगजीवन राम।
प्र10. मोरारजी देसाई उप-प्रधानमंत्री बनने के बाद किस पद पर पहुँचे?
उ – भारत के प्रधानमंत्री।