भारत में सामाजिक सुरक्षा 2025

भारत में सामाजिक सुरक्षा 2025

महत्व, योजनाएँ, चुनौतियाँ और भविष्य

प्रस्तावना

भारत में सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ
भारत में सामाजिक सुरक्षा सामाजिक कल्याण से जुड़ी हैं

भारत एक विकासशील देश है जहाँ बड़ी जनसंख्या गरीबी, असमानता और असुरक्षा से जूझ रही है। ऐसे में सामाजिक सुरक्षा (Social Security) का महत्व और बढ़ जाता है। सामाजिक सुरक्षा का अर्थ है – नागरिकों को जीवन के हर चरण में न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करना, ताकि बीमारी, बेरोजगारी, वृद्धावस्था, दुर्घटना या मृत्यु जैसी परिस्थितियों में भी उनका जीवन सम्मानजनक बना रहे। यह किसी भी कल्याणकारी राज्य (Welfare State) की मूल पहचान है।

Table of Contents

सामाजिक सुरक्षा का अर्थ

सामाजिक सुरक्षा से आशय उन सरकारी या सामूहिक व्यवस्थाओं से है जो नागरिकों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती हैं। इसमें विशेष रूप से कमजोर वर्ग, गरीब, मजदूर, किसान, असंगठित क्षेत्र के कामगार और बुजुर्ग शामिल होते हैं।

सरल शब्दों में – सामाजिक सुरक्षा का मतलब है कि व्यक्ति को यह विश्वास हो कि संकट की घड़ी में उसे सरकार, समाज या संस्थानों से मदद मिलेगी।

भारत में सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता

भारत में सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता कई कारणों से है:

  1. गरीबी और असमानता – देश की बड़ी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करती है।

  2. असंगठित क्षेत्र का दबदबा – लगभग 90% से अधिक श्रमिक असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं, जिनके पास स्थायी वेतन, बीमा या पेंशन जैसी सुविधा नहीं है।

  3. स्वास्थ्य समस्याएँ – गरीब परिवारों को बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।

  4. बुजुर्ग आबादी का बढ़ना – भारत में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिन्हें आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा की ज़रूरत है।

  5. सामाजिक न्याय – संविधान में सामाजिक न्याय को मूल लक्ष्य माना गया है।

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भारत में सामाजिक सुरक्षा का कानूनी और संवैधानिक आधार

भारतीय संविधान में सामाजिक सुरक्षा की नींव रखी गई है:

  • अनुच्छेद 38 – राज्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करेगा।

  • अनुच्छेद 39 – नागरिकों को पर्याप्त आजीविका और संसाधनों तक पहुँच।

  • अनुच्छेद 41 – बेरोजगारी, वृद्धावस्था, बीमारी और विकलांगता की स्थिति में सार्वजनिक सहायता।

  • अनुच्छेद 42 – कामगारों के लिए न्यायोचित और मानवीय कार्य की स्थिति।

  • अनुच्छेद 43 – श्रमिकों को जीविकोपार्जन योग्य वेतन।

इस प्रकार सामाजिक सुरक्षा संविधान का अभिन्न हिस्सा है।

भारत में सामाजिक सुरक्षा की प्रमुख योजनाएँ

1. रोजगार और आजीविका योजनाएँ

  • मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) – ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित करता है।

  • प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) – स्वरोजगार को बढ़ावा देता है।

2. स्वास्थ्य और बीमा योजनाएँ

  • आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) – गरीब परिवारों को 5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा।

  • आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर – प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ।

  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) – दुर्घटना बीमा।

  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) – जीवन बीमा।

3. वृद्धावस्था और पेंशन योजनाएँ

  • अटल पेंशन योजना (APY) – असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन।

  • राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) – बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को पेंशन।

  • कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) – संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए पेंशन और भविष्य निधि।

4. गरीब और कमजोर वर्गों के लिए योजनाएँ

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) – सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध कराता है।

  • मिड-डे मील योजना – बच्चों को पौष्टिक भोजन।

  • जन धन योजना – गरीबों को बैंकिंग सुविधा और बीमा कवरेज।

5. महिला और बाल सुरक्षा योजनाएँ

  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना – गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता।

  • बाल सुरक्षा योजनाएँ – बाल श्रम उन्मूलन और बाल शिक्षा को बढ़ावा।

भारत में सामाजिक सुरक्षा की चुनौतियाँ

  1. असंगठित क्षेत्र की अधिकता – अधिकांश श्रमिकों तक सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ नहीं पहुँचतीं।

  2. जागरूकता की कमी – ग्रामीण और अशिक्षित लोग योजनाओं की जानकारी से वंचित रहते हैं।

  3. भ्रष्टाचार और लीक – लाभार्थियों तक सहायता पूरी तरह नहीं पहुँचती।

  4. वित्तीय कमी – इतनी बड़ी जनसंख्या के लिए संसाधनों की कमी रहती है।

  5. तकनीकी दिक्कतें – डिजिटलीकरण के बावजूद कई लोगों तक योजनाएँ नहीं पहुँच पातीं।

सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के उपाय

  1. सभी योजनाओं का एकीकरण – बिखरी हुई योजनाओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाना।

  2. डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग – आधार, डीबीटी (Direct Benefit Transfer) से पारदर्शिता।

  3. जागरूकता अभियान – लोगों तक योजनाओं की सही जानकारी पहुँचाना।

  4. संगठित क्षेत्र का विस्तार – असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा दायरे में लाना।

  5. सरकारी निवेश में वृद्धि – सामाजिक सुरक्षा पर जीडीपी का अधिक प्रतिशत खर्च करना।

भारत में सामाजिक सुरक्षा का भविष्य

भारत तेजी से वेलफेयर स्टेट से वेलफेयर + डिजिटल स्टेट की ओर बढ़ रहा है। आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा और डिजिटल भुगतान प्रणाली सामाजिक सुरक्षा को और पारदर्शी और प्रभावी बनाएँगी।

इसके साथ ही “सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा” (Universal Social Security) की अवधारणा पर काम हो रहा है, ताकि हर नागरिक को न्यूनतम सुरक्षा मिल सके।

निष्कर्ष

भारत में सामाजिक सुरक्षा सिर्फ योजनाओं का विषय नहीं है, बल्कि यह मानव गरिमा और सामाजिक न्याय से जुड़ा मुद्दा है। अगर हर नागरिक को जीवन की बुनियादी सुविधाएँ – स्वास्थ्य, रोजगार, पेंशन और बीमा – उपलब्ध हों, तभी वास्तविक लोकतंत्र और समानता संभव है।

इसलिए सरकार, समाज और नागरिक – सभी को मिलकर सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना होगा। यही एक सशक्त और सुरक्षित भारत की पहचान होगी।

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❓ भारत में सामाजिक सुरक्षा से आप क्या समझते हैं?

सामाजिक सुरक्षा का अर्थ है नागरिकों को बीमारी, बेरोजगारी, वृद्धावस्था, दुर्घटना या मृत्यु जैसी परिस्थितियों में आर्थिक और सामाजिक सहायता प्रदान करना, ताकि उनका जीवन सुरक्षित और सम्मानजनक बना रहे।


❓ भारत में सामाजिक सुरक्षा क्यों जरूरी है?

भारत में गरीबी, असमानता और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों मजदूरों के कारण सामाजिक सुरक्षा अत्यंत जरूरी है। यह नागरिकों को न्यूनतम सुरक्षा और जीवन जीने का भरोसा देती है।


❓ भारत में कौन-कौन सी प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ हैं?

  • मनरेगा (ग्रामीण रोजगार)

  • आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना

  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY)

  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY)

  • अटल पेंशन योजना

  • राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP)

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA)


❓ सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लागू करने में क्या चुनौतियाँ हैं?

  • असंगठित क्षेत्र का अधिक होना

  • लाभार्थियों में जागरूकता की कमी

  • भ्रष्टाचार और लीकेज

  • वित्तीय संसाधनों की कमी

  • तकनीकी दिक्कतें और पहुँच की समस्या


❓ सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?

  • सभी योजनाओं का एकीकरण

  • डिजिटल तकनीक और आधार आधारित DBT

  • लोगों में जागरूकता अभियान

  • असंगठित श्रमिकों को कवर करना

  • सामाजिक सुरक्षा पर सरकारी निवेश बढ़ाना


❓ भारत में सामाजिक सुरक्षा का भविष्य कैसा है?

भारत में सामाजिक सुरक्षा का भविष्य डिजिटल तकनीक, यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी और पारदर्शी योजनाओं के माध्यम से और भी मजबूत होगा। सरकार सभी नागरिकों को न्यूनतम सुरक्षा देने की दिशा में काम कर रही है।

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