भारत का संविधान संशोधन | Constitutional Amendment in India – सम्पूर्ण जानकारी (2025)
🔹 परिचय
भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा और विस्तृत लिखित संविधान है। इसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया। समाज और समय के साथ बदलती परिस्थितियों के अनुसार, संविधान में संशोधन की आवश्यकता होती है ताकि यह हमेशा प्रासंगिक बना रहे।
संविधान संशोधन वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से संविधान के प्रावधानों में बदलाव, जोड़ या हटाया जाता है।
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📜 संविधान संशोधन की आवश्यकता
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में समाज, अर्थव्यवस्था और राजनीति लगातार बदलते रहते हैं। ऐसे में संविधान को भी समय-समय पर अद्यतन करना आवश्यक हो जाता है।
संशोधन की प्रमुख आवश्यकताएँ –
1. बदलती सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप संविधान को ढालने के लिए।
2. न्यायपालिका द्वारा दिए गए कुछ निर्णयों के प्रभाव को संतुलित करने के लिए।
3. राज्यों और केंद्र के बीच अधिकारों का संतुलन बनाए रखने के लिए।
4. नई नीतियों, योजनाओं और संस्थाओं की स्थापना के लिए।
5. नागरिकों के अधिकारों को और अधिक सशक्त करने के लिए।
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⚖️ संविधान संशोधन की प्रक्रिया (Procedure of Amendment)
भारतीय संविधान अनुच्छेद 368 में संविधान संशोधन की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है।
भारत में संविधान संशोधन के तीन प्रकार हैं —
1️⃣ सरल बहुमत से संशोधन (By Simple Majority)
इन संशोधनों को संसद के दोनों सदनों में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत से पारित किया जा सकता है।
उदाहरण:
नए राज्यों का गठन या सीमाओं में परिवर्तन (अनुच्छेद 3)
नागरिकता से संबंधित प्रावधान
संसद व राज्यों की शक्तियों से जुड़े कुछ विषय
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2️⃣ विशेष बहुमत से संशोधन (By Special Majority)
ऐसे संशोधन के लिए संसद के दोनों सदनों में कुल सदस्यों के 2/3 बहुमत और उपस्थित सदस्यों के बहुमत की आवश्यकता होती है।
उदाहरण:
मौलिक अधिकारों में परिवर्तन
राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट से संबंधित प्रावधान
केंद्र और राज्य संबंधी विषय
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3️⃣ विशेष बहुमत + राज्यों की स्वीकृति (By Special Majority and Ratification by States)
ऐसे संशोधनों के लिए संसद में विशेष बहुमत के साथ-साथ कम से कम आधी राज्यों की विधानसभाओं की स्वीकृति भी आवश्यक होती है।
उदाहरण:
संघीय ढांचे में परिवर्तन
राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में परिवर्तन
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🇮🇳 प्रमुख संविधान संशोधन (Major Constitutional Amendments in India)
भारत में 2025 तक कुल 106 संशोधन किए जा चुके हैं।
नीचे कुछ महत्वपूर्ण संविधान संशोधन दिए गए हैं 👇
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1️⃣ प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम, 1951
उद्देश्य: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुछ सीमाएँ लगाना।
महत्व: भूमि सुधार कानूनों को नौवीं अनुसूची में रखा गया।
मुख्य विषय: अनुच्छेद 19, 31 और 15 में संशोधन।
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2️⃣ चौबीसवाँ संशोधन अधिनियम, 1971
उद्देश्य: संसद को संविधान संशोधन की असीमित शक्ति देना।
महत्व: अनुच्छेद 368 में संशोधन किया गया।
न्यायिक निर्णय: केशवानंद भारती केस (1973) में “मौलिक ढांचे का सिद्धांत” (Basic Structure Doctrine) स्थापित हुआ।
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3️⃣ छब्बीसवाँ संशोधन अधिनियम, 1971
उद्देश्य: राजाओं के प्रिवी पर्स (Privy Purse) को समाप्त करना।
महत्व: लोकतंत्र में समानता के सिद्धांत को मजबूत किया गया।
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4️⃣ बयालिसवाँ संशोधन अधिनियम, 1976 (Mini Constitution)
उद्देश्य: संविधान में समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता शब्द जोड़ना।
मुख्य परिवर्तन:
प्रस्तावना में संशोधन
मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) का समावेश
केंद्र सरकार की शक्तियों में वृद्धि
महत्व: इसे “मिनी संविधान” कहा जाता है क्योंकि इसने संविधान में व्यापक परिवर्तन किए।
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5️⃣ चौवालीसवाँ संशोधन अधिनियम, 1978
उद्देश्य: आपातकाल के दौरान हुए दुरुपयोग को रोकना।
मुख्य परिवर्तन:
अनुच्छेद 352, 356 और 360 में संशोधन
संपत्ति का अधिकार मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया गया।
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6️⃣ बावनवाँ संशोधन अधिनियम, 1985 (Anti-Defection Law)
उद्देश्य: दलबदल रोकने के लिए कानून बनाना।
महत्व: दसवीं अनुसूची जोड़ी गई।
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7️⃣ तिहत्तरवाँ संशोधन अधिनियम, 1992
उद्देश्य: पंचायत राज प्रणाली को संवैधानिक दर्जा देना।
मुख्य बिंदु:
अनुच्छेद 243 से 243(O) तक जोड़े गए।
पंचायतों के लिए 5 वर्ष का कार्यकाल और 33% आरक्षण महिलाओं के लिए।
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8️⃣ चौहत्तरवाँ संशोधन अधिनियम, 1992
उद्देश्य: नगरपालिकाओं (Urban Local Bodies) को संवैधानिक दर्जा देना।
महत्व: शहरी स्थानीय स्वशासन को मजबूत किया गया।
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9️⃣ छियासीवाँ संशोधन अधिनियम, 2002
उद्देश्य: बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करना।
महत्व: अनुच्छेद 21A जोड़ा गया — “6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा।”
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🔟 101वाँ संशोधन अधिनियम, 2016
उद्देश्य: GST (Goods and Services Tax) लागू करना।
महत्व: अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एकीकृत किया गया।
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1️⃣1️⃣ 103वाँ संशोधन अधिनियम, 2019
उद्देश्य: आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10% आरक्षण देना।
महत्व: यह आरक्षण जाति के बजाय आर्थिक आधार पर दिया गया।
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1️⃣2️⃣ 104वाँ संशोधन अधिनियम, 2020
उद्देश्य: अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए लोकसभा व विधानसभाओं में आरक्षण को 10 वर्ष और बढ़ाना।
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1️⃣3️⃣ 105वाँ संशोधन अधिनियम, 2021
उद्देश्य: राज्यों को OBC की सूची बनाने की शक्ति पुनः देना।
महत्व: केंद्र और राज्य दोनों के पास अपनी-अपनी OBC सूची तय करने का अधिकार।
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🧭 मौलिक ढांचा सिद्धांत (Basic Structure Doctrine)
केशवानंद भारती केस (1973) में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद संविधान में संशोधन कर सकती है, लेकिन संविधान के “मौलिक ढांचे” को नहीं बदल सकती।
मौलिक ढांचे में शामिल हैं –
संविधान की सर्वोच्चता
न्यायपालिका की स्वतंत्रता
संघीय ढांचा
धर्मनिरपेक्षता
विधि का शासन (Rule of Law)
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📘 निष्कर्ष
संविधान संशोधन भारत की लोकतांत्रिक और गतिशील व्यवस्था का प्रमाण है। यह हमारे समाज की प्रगतिशील सोच को दर्शाता है।
समय के साथ बदलती परिस्थितियों में भी हमारा संविधान अपने मूल सिद्धांतों — न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता — को बनाए रखते हुए आगे बढ़ रहा है।
संविधान में संशोधन की यह प्रक्रिया भारत को मजबूत, आधुनिक और लोकतांत्रिक बनाती है।
❓ संविधान संशोधन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (Q&A for Exams)
Q1. संविधान संशोधन किस अनुच्छेद में वर्णित है?
उत्तर: संविधान संशोधन की प्रक्रिया अनुच्छेद 368 में वर्णित है।
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Q2. भारत में संविधान संशोधन के कितने प्रकार हैं?
उत्तर: भारत में संविधान संशोधन के तीन प्रकार हैं —
1. साधारण बहुमत से
2. विशेष बहुमत से
3. विशेष बहुमत + राज्यों की स्वीकृति से
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Q3. संविधान का पहला संशोधन कब हुआ था और क्यों?
उत्तर: पहला संशोधन 1951 में हुआ था। इसका उद्देश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुछ सीमाएँ लगाना और भूमि सुधार कानूनों को नौवीं अनुसूची में शामिल करना था।
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Q4. ‘मिनी संविधान’ किस संशोधन को कहा जाता है?
उत्तर: 42वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 को ‘मिनी संविधान’ कहा जाता है, क्योंकि इसमें संविधान में व्यापक बदलाव किए गए थे।
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Q5. मौलिक कर्तव्यों (Fundamental Duties) को किस संशोधन द्वारा जोड़ा गया?
उत्तर: मौलिक कर्तव्यों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 के माध्यम से संविधान में जोड़ा गया था।
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Q6. संपत्ति का अधिकार कब मौलिक अधिकार से हटाया गया?
उत्तर: 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा संपत्ति का अधिकार मौलिक अधिकार से हटाकर एक कानूनी अधिकार बना दिया गया।
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Q7. दलबदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law) किस संशोधन से आया?
उत्तर: 52वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1985 द्वारा दलबदल विरोधी कानून (Tenth Schedule) लागू किया गया।
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Q8. पंचायत राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा किस संशोधन से मिला?
उत्तर: 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा पंचायत राज प्रणाली को संवैधानिक दर्जा दिया गया।
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Q9. नगरपालिकाओं (Urban Local Bodies) को संवैधानिक दर्जा कब मिला?
उत्तर: 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया।
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Q10. बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार किस संशोधन से जोड़ा गया?
उत्तर: 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा अनुच्छेद 21A जोड़ा गया, जिससे 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार मिला।
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Q11. GST (Goods and Services Tax) को लागू करने वाला संशोधन कौन सा है?
उत्तर: 101वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 द्वारा GST लागू किया गया।
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Q12. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को आरक्षण किस संशोधन से मिला?
उत्तर: 103वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2019 द्वारा EWS को 10% आरक्षण दिया गया।
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Q13. राज्यों को अपनी OBC सूची बनाने का अधिकार किस संशोधन ने पुनः दिया?
उत्तर: 105वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2021 द्वारा राज्यों को अपनी OBC सूची तय करने का अधिकार पुनः दिया गया।
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Q14. संविधान के ‘मौलिक ढांचे का सिद्धांत’ किस केस से जुड़ा है?
उत्तर: केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) केस में सुप्रीम कोर्ट ने ‘मौलिक ढांचे का सिद्धांत’ (Basic Structure Doctrine) दिया।
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Q15. अब तक (2025 तक) कुल कितने संविधान संशोधन हो चुके हैं?
उत्तर: 2025 तक भारत में कुल 106 संविधान संशोधन किए जा चुके हैं।
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