Digitization of Traditional Medicine in India 2025 – TKDL और AYUSH में AI की भूमिका

Digitization of Traditional Medicine in India – TKDL और AYUSH में AI का योगदान (2025)

 

परिचय

 

भारत हजारों वर्षों से आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और योग जैसे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का घर रहा है। विश्वभर में भारतीय चिकित्सा पद्धति को सम्मान मिलता है, लेकिन एक बड़ी समस्या यह थी कि इनका आधुनिक वैज्ञानिक दस्तावेजीकरण (Documentation) और संरक्षण सही तरीके से नहीं हो पाया था।

 

इसी चुनौती को देखते हुए भारत सरकार ने Traditional Knowledge Digital Library (TKDL) और AYUSH Digital Mission की शुरुआत की। 2025 में इसमें Artificial Intelligence (AI) और Machine Learning को शामिल किया गया, जिससे भारत ने पारंपरिक चिकित्सा को डिजिटल और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षित बना दिया।

 

 

 

TKDL (Traditional Knowledge Digital Library) क्या है?

 

यह एक डिजिटल डेटाबेस है जिसमें पारंपरिक औषधियों, योग और उपचार पद्धतियों का दस्तावेजीकरण किया गया है।

 

इसमें आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और योग से जुड़ी 4 लाख से अधिक प्रविष्टियाँ दर्ज हैं।

 

अब इसमें AI आधारित सर्च और विश्लेषण टूल जोड़े गए हैं।

 

 

 

 

AYUSH Digital Mission 2025

 

इसका उद्देश्य भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को डिजिटल हेल्थकेयर सिस्टम से जोड़ना है।

 

हर नागरिक को AYUSH Health ID दी जा रही है।

 

डॉक्टर और मरीज को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोड़ा जा रहा है।

 

 

 

 

AI और Traditional Medicine का मिलन

 

1. AI-based Data Analysis:

 

AI पुराने ग्रंथों और नुस्खों का आधुनिक साइंस से मिलान करता है।

 

इससे नए शोध और दवाइयों की खोज संभव हो रही है।

 

 

 

2. Drug Discovery:

 

AI हजारों जड़ी-बूटियों के संयोजन को टेस्ट कर नई दवाइयों की खोज कर रहा है।

 

 

 

3. Language Translation:

 

संस्कृत, तमिल, अरबी और फारसी में लिखे पुराने ग्रंथ अब AI की मदद से अंग्रेज़ी और अन्य भाषाओं में अनुवादित हो रहे हैं।

 

 

 

4. Global Protection:

 

TKDL अब WIPO (World Intellectual Property Organization) से जुड़ा है, जिससे कोई विदेशी कंपनी भारत की पारंपरिक चिकित्सा का पेटेंट नहीं कर सकती।

 

 

 

 

 

 

महत्व

 

भारत की धरोहर की रक्षा: विदेशी कंपनियों द्वारा बौद्धिक संपदा चोरी रोकना।

 

वैज्ञानिक मान्यता: पारंपरिक चिकित्सा को आधुनिक विज्ञान से जोड़ना।

 

स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार: ग्रामीण भारत तक डिजिटल हेल्थकेयर पहुँचाना।

 

वैश्विक पहचान: भारत को Traditional Medicine Hub के रूप में स्थापित करना।

 

 

 

 

चुनौतियाँ

 

सभी ग्रंथों का डिजिटलीकरण करना बहुत लंबी प्रक्रिया है।

 

ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट और डिजिटल उपकरणों की कमी।

 

पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा के बीच समन्वय (Integration) कठिन।

 

 

 

 

भविष्य की संभावनाएँ

 

भारत वैश्विक वैकल्पिक चिकित्सा बाज़ार का लीडर बन सकता है।

 

AI आधारित Traditional Medicine Research से नई बीमारियों की दवा खोजी जा सकती है।

 

योग और आयुर्वेद को डिजिटल हेल्थ ऐप्स के जरिए दुनिया भर में पहुँचाया जा सकता है।

 

निष्कर्ष

 

भारत ने पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के डिजिटलीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। TKDL और AYUSH Digital Mission के साथ AI का प्रयोग न केवल भारत की धरोहर की रक्षा करेगा बल्कि यह भारत को स्वास्थ्य सेवाओं में आत्मनिर्भर और विश्व में अग्रणी बनाएगा।

GK Practice Questions

Q1. TKDL का पूरा नाम क्या है?
👉 Traditional Knowledge Digital Library

Q2. TKDL में कितनी प्रविष्टियाँ दर्ज हैं?
👉 लगभग 4 लाख से अधिक

Q3. AYUSH Digital Mission का मुख्य उद्देश्य क्या है?
👉 पारंपरिक चिकित्सा को डिजिटल हेल्थ सिस्टम से जोड़ना

Q4. TKDL किस अंतरराष्ट्रीय संगठन से जुड़ा है?
👉 WIPO (World Intellectual Property Organization)

Q5. पारंपरिक चिकित्सा में AI की सबसे बड़ी भूमिका क्या है?
👉 नई दवाइयों की खोज और भाषा अनुवाद

 

Artificial Intelligence in India 2025 – Bharat GPT और Generative AI का बढ़ता प्रभाव

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