Electoral Reforms in India 2025: Latest EVM & VVPAT Updates Explained

Electoral Reforms in India 2025: Latest EVM & VVPAT Updates Explained

भारत में चुनावी सुधार और EVM/VVPAT की ताज़ा अपडेट

1. पृष्ठभूमि – EVM और VVPAT का परिचय

Electoral Reforms in India 2025 with EVM and VVPAT latest updates
Latest Electoral Reforms in India 2025 – Updates on EVM and VVPAT system

Electronic Voting Machine (EVM) भारतीय निर्वाचन प्रणाली का आधार है, जिसे 1998 में परीक्षण दौर में पेश किया गया था और 2014 से पूरे देश में इस्तेमाल किया जाता है। ये मशीन बैटरी पर चलने वाली, इंटरनेट या बाहरी संचार से मुक्त, अत्यंत सुरक्षित और भरोसेमंद डिवाइस हैं

Table of Contents

Voter Verifiable Paper Audit Trail (VVPAT) का मकसद सीधे मतदाता को यह पुष्टि करने का मौका देना है कि उनके मत को सही रिकॉर्ड किया गया है। यह एक छोटा पेपर स्टिकर मशीन से निकलता है और मतदाता सात सेकंड तक देख पाता है—इसके बाद यह सील किये गए बॉक्स में गिर जाता है

VVPAT का उपयोग अगस्त 2013 में नागालैंड में शुरू हुआ, और 2019 तक इसे प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अपनाया गया

2. सुप्रीम कोर्ट और EVM/VVPAT से जुड़ी दिशा-निर्देश

पिछले दशक में सुप्रीम कोर्ट ने कई मामले दर्ज किए, जैसे Subramanian Swamy (2013) जिसमें VVPAT को “अतिवार्य” बताया गया था तथा बाद में विस्तारित किया गया
2024–2025 में ADR (Association for Democratic Reforms) के मामले में अदालत ने 100% VVPAT सत्यापन की मांग खारिज कर दी, लेकिन साथ में EVM की “burnt memory” का 5% संस्करण सत्यापन का आदेश दिया गया, जिसे ECI के SOP में शामिल किया गया

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3. ECI की हाल-फिलहाल की पहलें (फ़रवरी–अगस्त 2025)

  • 28 सुधारात्मक कदम:
    ECI ने पिछले 6 महीनों में कुल 28 महत्वपूर्ण सुधार किए हैं—जिसमें चुनावी roll की शुद्धता, EVM microcontroller की जांच, polling सुविधाओं का सरलीकरण शामिल हैं। इनके तहत विशेष summary revision, death registration integration, voter-friendly voter slips, मोबाइल डिपॉज़िट सुविधा, polling stations में voter सीमा, BLO कार्ड जारी करना जैसे उपाय शामिल हैं

  • वोटर जागरूकता:
    पटना में 14 EVM डेमो वैन फ्लैग-ऑफ की गई, जो 2,982 polling stations में जाकर वोटरों को mock voting के जरिए EVM/VVPAT का प्रयोग समझा रही हैं

  • EVM की विश्वसनीयता की पुष्टि:
    महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में C&V (Checking & Verification) जांच में कोई मिलान त्रुटि नहीं मिली; mock polls के नतीजे VVPAT स्लिप्स से मेल खाते रहे

  • VVPAT vs Multi-member wards मुद्दा:
    महाराष्ट्र SEC ने स्पष्ट किया कि VVPAT मशीनें एकल सदस्यीय प्रणाली के लिए डिज़ाइन की गई हैं और मल्टी-मेंबर वार्ड्स (जैसे स्थानीय निकाय चुनाव) में तकनीकी/लॉजिस्टिक समस्याओं के कारण उपयोग नहीं हो सकतीं। इसलिए EVM का ही प्रयोग किया जाएगा, और पारंपरिक बैलेट पेपर वापसी का प्रश्न ही नहीं उठता

  • राजनीतिक पक्षों से संवाद:
    ECI राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय पार्टियों के साथ लगातार बैठकें कर रहा है; हाल ही में JD(S) से चर्चा हुई, जबकि कांग्रेस अभी तक संवाद में शामिल नहीं हुई है

  • विवाद – SIR (Special Intensive Revision) पर न्यायलय आदेश:
    सुप्रीम कोर्ट ने बिहार SIR मामले में ECI को 65 लाख हटाये गए नामों की सूची और हटने के कारण सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। यह 14 अगस्त 2025 की प्रमेय तारीख का प्रशासनिक आदेश है

4. आधुनिक तकनीकी की संभावनाएँ और शोध

  • AI-सक्षम VVPAT काउंटर:
    शोध से पता चलता है कि image-processing और ML आधारित VVPAT काउंटर 100% सत्यापन की समय-बाधा को दूर कर सकता है

  • Blockchain आधारित मतदान:
    एक अर्धप्रायोगिक अध्ययन में Blockchain तकनीक, Biometric सत्यापन और डिजिटल पहचान के उपयोग से सुरक्षित, पारदर्शी मतदान प्रक्रिया को संभावित बताया गया है

  • Privacy-preserving Electoral Rolls:
    एक शोध ने ऐसा प्रोटोकॉल प्रस्तुत किया है जो मतदाता सूची को सार्वजनिक रूप से सत्यापित करने योग्य लेकिन निजी-रहित बनाए रखता है—इससे चयनात्मक targeting और धोखाधड़ी को रोका जा सकता है


निष्कर्ष: वर्तमान और भविष्य की दिशा

भारत में चुनावी सुधार का ढांचा लगातार मजबूत होने की प्रक्रिया में है। ECI ने हाल ही में 28 व्यापक सुधार लागू किए हैं, voter awareness के लिए डेमो वैन भेजे, EVM की विश्वसनीयता के प्रमाण प्रस्तुत किए हैं, और सुप्रीम कोर्ट की दिशा-निर्देशों का पालन किया है।

VVPAT, जहां संभव है, सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। हालाँकि, हर चुनाव प्रारूप में उसकी उपयुक्तता व्यावहारिक सीमाएँ दर्शाती है (जैसे multi-member wards में)।

भविष्य में तकनीकी नवाचार जैसे AI, Blockchain, और privacy-friendly electoral rolls चुनौतियों को अवसर में बदल सकते हैं।
सार्वजनिक भरोसा, संसदीय अनुशासन और लोकतांत्रिक सशक्तिकरण इन सुधारों का आधार बने रहेंगे।

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Q1: भारत में EVM कब से उपयोग में आई?

Ans: भारत में Electronic Voting Machine (EVM) का पहला प्रयोग 1998 में कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में किया गया था। 2004 से यह व्यापक स्तर पर और 2014 से देशभर में अनिवार्य रूप से इस्तेमाल होने लगी।


Q2: VVPAT क्या है और इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी?

Ans: Voter Verifiable Paper Audit Trail (VVPAT) एक ऐसी प्रणाली है जो हर वोट का पेपर स्लिप जनरेट करती है। मतदाता इसे 7 सेकंड तक देख सकते हैं और यह स्लिप सुरक्षित बॉक्स में गिर जाती है। इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और मतदाता का भरोसा बढ़ाना है।


Q3: क्या भारत में 100% VVPAT सत्यापन होता है?

Ans: नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 और 2024 में दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए 100% VVPAT सत्यापन की अनुमति नहीं दी। वर्तमान में केवल यादृच्छिक (random) तरीके से कुछ मशीनों में ही VVPAT पर्चियों की गिनती होती है।


Q4: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में EVM को लेकर क्या आदेश दिया?

Ans: अप्रैल 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने ECI को आदेश दिया कि EVM की “burnt memory” का 5% सत्यापन कराया जाए। इसका मकसद EVM की प्रोग्रामिंग और परिणामों की विश्वसनीयता की पुष्टि करना है।


Q5: EVM को हैक या इंटरनेट से जोड़ा जा सकता है क्या?

Ans: नहीं। भारतीय EVM स्वतंत्र (standalone) होती हैं। वे किसी भी नेटवर्क, इंटरनेट या Bluetooth से कनेक्ट नहीं होतीं। यह केवल बैटरी से चलती हैं, इसलिए बाहरी हस्तक्षेप संभव नहीं है।


Q6: क्या VVPAT का उपयोग हर चुनाव में किया जाता है?

Ans: हाँ, लोकसभा और विधानसभा चुनावों में VVPAT का प्रयोग अनिवार्य है। लेकिन स्थानीय निकाय चुनावों में (जहां multi-member ward होते हैं) VVPAT का उपयोग तकनीकी कारणों से संभव नहीं है।


Q7: हाल ही में ECI ने कौन-से सुधार किए हैं?

Ans: 2025 में ECI ने 28 सुधार लागू किए हैं, जिनमें मतदाता सूची की शुद्धता, वोटर अवेयरनेस प्रोग्राम, EVM चेकिंग सिस्टम, Polling Station की सुविधाओं में सुधार, BLO कार्ड और मृत्यु पंजीकरण लिंकिंग शामिल हैं।


Q8: EVM की पारदर्शिता पर संदेह क्यों किया जाता है?

Ans: कई राजनीतिक दलों और संगठनों को डर है कि मशीनों में गड़बड़ी या छेड़छाड़ हो सकती है। हालांकि अब तक किसी आधिकारिक जांच में EVM छेड़छाड़ का सबूत नहीं मिला है। सुप्रीम कोर्ट और ECI दोनों इसे पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद मानते हैं।


Q9: क्या भविष्य में Blockchain या AI आधारित वोटिंग संभव है?

Ans: हाँ, शोध स्तर पर Blockchain आधारित e-voting और AI-सक्षम VVPAT काउंटर की अवधारणा पर काम हो रहा है। लेकिन अभी तक भारत में यह केवल प्रायोगिक स्तर पर है, लागू नहीं हुआ है।


Q10: EVM और VVPAT में मुख्य अंतर क्या है?

Ans:

  • EVM केवल इलेक्ट्रॉनिक वोट रिकॉर्ड करती है।

  • VVPAT उस वोट का पेपर ट्रेल दिखाकर पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।

 

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संदर्भ:

 

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