गांधी युग : भारत की स्वतंत्रता संग्राम का स्वर्ण अध्याय
परिचय
भारत का स्वतंत्रता संग्राम कई चरणों से होकर गुज़रा, लेकिन यदि किसी एक दौर को “निर्णायक मोड़” कहा जाए तो वह है – गांधी युग (1915 – 1948)। महात्मा गांधी का भारत आगमन 1915 में हुआ और आने वाले तीन दशकों में उन्होंने भारतीय राजनीति, समाज और स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी। उनका दर्शन सत्य और अहिंसा पर आधारित था, जिसने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित किया।

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गांधी जी का आगमन और प्रारंभिक योगदान
महात्मा गांधी 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे।
उन्होंने भारतीय समाज की वास्तविक स्थिति को समझने के लिए विभिन्न क्षेत्रों की यात्राएँ कीं।
1917 में चंपारण सत्याग्रह के माध्यम से उन्होंने किसानों की समस्याओं को उठाया।
इसके बाद 1918 में खेड़ा सत्याग्रह और अहमदाबाद मिल मज़दूर आंदोलन में नेतृत्व किया।
इन आंदोलनों ने गांधी जी को राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित कर दिया।
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गांधी युग के प्रमुख आंदोलन
1. असहयोग आंदोलन (1920 – 1922)
जालियांवाला बाग हत्याकांड और रौलट एक्ट के विरोध में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया।
इसका उद्देश्य था – ब्रिटिश शासन के विरुद्ध असहयोग करना, जैसे सरकारी नौकरी, स्कूल-कॉलेज, उपाधियाँ और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार।
आंदोलन बहुत सफल रहा, लेकिन 1922 में चौरी-चौरा घटना के बाद गांधी जी ने इसे वापस ले लिया।
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2. सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930 – 1934)
ब्रिटिश सरकार ने नमक पर कर लगाया था।
गांधी जी ने दांडी मार्च (12 मार्च 1930) से आंदोलन की शुरुआत की और समुद्र किनारे नमक बनाकर कानून तोड़ा।
यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक बड़ा मोड़ बना।
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3. भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गांधी जी ने अंग्रेजों से कहा – भारत छोड़ो।
8 अगस्त 1942 को मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में यह प्रस्ताव पारित हुआ।
गांधी जी का नारा था – “करो या मरो”।
इस आंदोलन ने ब्रिटिश हुकूमत की नींव हिला दी।
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गांधी जी का दर्शन और योगदान
सत्य और अहिंसा
गांधी जी मानते थे कि किसी भी आंदोलन को सफल बनाने के लिए हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए।
उनका विश्वास था कि सत्य और अहिंसा ही सबसे बड़ी ताकत है।
सामाजिक सुधार
गांधी जी ने अस्पृश्यता, शराबबंदी, खादी और स्वदेशी का प्रचार किया।
उन्होंने कहा – “भारत की आत्मा गाँवों में बसती है।”
उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर भी ज़ोर दिया।
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
गांधी जी के सिद्धांतों से मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला जैसे नेताओं ने भी प्रेरणा ली।
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स्वतंत्रता और गांधी जी
लंबे संघर्षों के बाद भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ।
हालांकि, देश का विभाजन हुआ और सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे।
गांधी जी अंतिम समय तक शांति और एकता की अपील करते रहे।
30 जनवरी 1948 को उनकी हत्या कर दी गई।
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गांधी युग की विशेषताएँ
1. स्वतंत्रता आंदोलन का जन-आंदोलन में बदलना।
2. सत्य और अहिंसा का प्रयोग।
3. किसानों, मजदूरों और महिलाओं की भागीदारी।
4. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संघर्ष की पहचान।
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निष्कर्ष
गांधी युग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे निर्णायक काल था। गांधी जी ने दिखा दिया कि बिना हिंसा के भी साम्राज्य को झुकाया जा सकता है। आज भी उनका दर्शन हमें प्रेरित करता है कि समाज में सत्य, अहिंसा और समानता के आधार पर ही वास्तविक प्रगति संभव है।
✅ गांधी युग पर महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (Q&A)
प्र1. गांधी युग किसे कहा जाता है?
👉 1915 में गांधी जी के भारत आगमन से लेकर 1948 में उनकी मृत्यु तक के काल को गांधी युग कहा जाता है। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का निर्णायक दौर था।
प्र2. गांधी जी ने सबसे पहला सत्याग्रह कहाँ किया था?
👉 भारत में पहला सत्याग्रह 1917 में बिहार के चंपारण में हुआ, जिसे चंपारण सत्याग्रह कहते हैं।
प्र3. असहयोग आंदोलन कब शुरू हुआ और क्यों?
👉 असहयोग आंदोलन 1920 में शुरू हुआ। इसका कारण जालियांवाला बाग हत्याकांड (1919) और रौलट एक्ट था।
प्र4. दांडी मार्च किस आंदोलन का हिस्सा था?
👉 दांडी मार्च (1930) सविनय अवज्ञा आंदोलन का हिस्सा था। इसमें गांधी जी ने 240 मील पैदल यात्रा कर नमक कानून तोड़ा।
प्र5. भारत छोड़ो आंदोलन कब हुआ और उसका नारा क्या था?
👉 भारत छोड़ो आंदोलन 8 अगस्त 1942 को शुरू हुआ। गांधी जी का नारा था – “करो या मरो।”
प्र6. गांधी जी ने अंग्रेजों से सीधी बातचीत कब-कब की?
👉 गांधी जी ने गोलमेज सम्मेलन (1931, लंदन) में भाग लिया और ब्रिटिश हुकूमत से सीधे वार्ता की।
प्र7. गांधी जी की विचारधारा के दो मुख्य आधार क्या थे?
👉 सत्य (Truth) और अहिंसा (Non-Violence)।
प्र8. गांधी जी ने समाज सुधार में कौन-कौन से कार्य किए?
👉 अस्पृश्यता निवारण, खादी का प्रचार, शराबबंदी, महिला शिक्षा और गाँवों का विकास।
प्र9. गांधी जी की हत्या कब और किसने की?
👉 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की हत्या की।
प्र10. गांधी जी को ‘राष्ट्रपिता’ किसने कहा?
👉 सुभाष चंद्र बोस ने 1944 में गांधी जी को “राष्ट्रपिता” कहा था।
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