एटीट्यूड Attitude– UPSC GS Paper 4 Ethics के लिए सम्पूर्ण गाइड [हिंदी में]

एटीट्यूड (Attitude) – UPSC GS Paper 4 Ethics के लिए सम्पूर्ण गाइड

परिचय

UPSC सिविल सेवा परीक्षा के जनरल स्टडीज़ पेपर-4 में “Attitude” एक महत्वपूर्ण टॉपिक है। यह केवल थ्योरी नहीं है, बल्कि एक सिविल सेवक के व्यवहार, सोच और निर्णय लेने की क्षमता को समझने का आधार है। इस आर्टिकल में हम एटीट्यूड की परिभाषा, इसके घटक, कार्य, और सिविल सेवा में इसकी प्रासंगिकता को विस्तार से समझेंगे।

Table of Contents

 

एटीट्यूड क्या है?

एटीट्यूड (Attitude) व्यक्ति के मन में किसी व्यक्ति, वस्तु, घटना या परिस्थिति के प्रति बनने वाली मानसिक प्रवृत्ति या दृष्टिकोण है। यह हमारे विचारों, भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित करता है।
उदाहरण: अगर किसी व्यक्ति का रवैया सकारात्मक है तो वह कठिन परिस्थितियों में भी समाधान खोजने की कोशिश करेगा।

 

एटीट्यूड के मुख्य घटक (Components of Attitude)

UPSC सिलेबस के अनुसार एटीट्यूड तीन मुख्य हिस्सों में बंटा है:

1. संज्ञानात्मक घटक (Cognitive Component) – यह व्यक्ति के ज्ञान और विश्वास से जुड़ा होता है।
जैसे – “ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है” यह एक विश्वास है।
2. भावनात्मक घटक (Affective Component) – यह व्यक्ति की भावनाओं और संवेदनाओं को दर्शाता है।
जैसे – गरीबों के प्रति सहानुभूति महसूस करना।
3. व्यवहारिक घटक (Behavioural Component) – यह बताता है कि व्यक्ति वास्तव में क्या करता है।
जैसे – भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना।

 

एटीट्यूड का कार्य (Functions of Attitude)

1. ज्ञानात्मक कार्य (Knowledge Function) – हमें दुनिया को समझने में मदद करता है।

2. उपयोगितावादी कार्य (Utilitarian Function) – लाभ और हानि के आधार पर निर्णय लेने में मदद करता है।

3. स्व-अभिव्यक्ति कार्य (Self-expressive Function) – हमारे व्यक्तित्व और मूल्यों को दर्शाता है।

4. रक्षा कार्य (Ego-defensive Function) – हमारे आत्मसम्मान की रक्षा करता है।

 

एटीट्यूड और व्यवहार का संबंध

एटीट्यूड का सीधा असर व्यक्ति के व्यवहार पर पड़ता है, लेकिन यह हमेशा 100% समानुपाती नहीं होता।
उदाहरण – कोई व्यक्ति पर्यावरण संरक्षण के पक्ष में सोचता है, लेकिन प्लास्टिक का उपयोग जारी रखता है। यह ‘Attitude-Behaviour Gap’ कहलाता है।

 

सिविल सेवा में एटीट्यूड का महत्व

सकारात्मक एटीट्यूड प्रशासन में पारदर्शिता, सहानुभूति और समस्या समाधान की क्षमता लाता है।

नकारात्मक एटीट्यूड निर्णय लेने में पक्षपात, भ्रष्टाचार और अकार्यक्षमता को जन्म देता है।

एक सिविल सेवक को निष्पक्ष, सहानुभूतिपूर्ण और समाधान-उन्मुख एटीट्यूड अपनाना चाहिए।

एटीट्यूड बदलने के तरीके (Attitude Change)

1. शिक्षा और प्रशिक्षण – सही जानकारी और संवेदनशीलता बढ़ाने से दृष्टिकोण बदल सकता है।

2. सामाजिक प्रभाव और प्रेरणा – अच्छे आदर्श और प्रेरणादायक नेता एटीट्यूड सुधार सकते हैं।

3. व्यक्तिगत अनुभव – कठिन परिस्थितियाँ व्यक्ति के सोचने का तरीका बदल सकती हैं।

4. कानून और नीतियाँ – सामाजिक और प्रशासनिक बदलाव से भी दृष्टिकोण में सुधार आता है।

टिप

UPSC दृष्टिकोण टिप्स

उत्तर लिखते समय Definition + Example + Relevance in Civil Services ज़रूर जोड़ें।

केस स्टडी में सकारात्मक एटीट्यूड के फायदे और नकारात्मक एटीट्यूड के नुकसान स्पष्ट लिखें।

अपने उत्तर में नैतिक मूल्यों का ज़िक्र ज़रूर करें।

 

निष्कर्ष

एटीट्यूड केवल एक मानसिक प्रवृत्ति नहीं, बल्कि सिविल सेवक की पहचान है। सकारात्मक और नैतिक एटीट्यूड प्रशासन को पारदर्शी, संवेदनशील और प्रभावी बनाता है। UPSC GS Paper 4 में इस टॉपिक की गहराई से समझ आपको बेहतर उत्तर लिखने में मदद करेगी।

 

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