National Sports Governance Act, 2025 – भारत में खेलों का नया कानून
परिचय
भारत में खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण, युवा सशक्तिकरण और अंतरराष्ट्रीय पहचान का माध्यम हैं। क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन से लेकर एथलेटिक्स तक हर खेल भारत को गौरव दिला रहा है। लेकिन लंबे समय से खेल संघों में भ्रष्टाचार, पारदर्शिता की कमी और खिलाड़ियों के अधिकारों का हनन जैसी समस्याएँ सामने आती रही हैं। इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने National Sports Governance Act, 2025 (राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम, 2025) लागू किया है।
यह कानून खेल संगठनों को जवाबदेह, पारदर्शी और खिलाड़ियों के हितों के अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
—
मुख्य उद्देश्य
खेल संघों में पारदर्शिता लाना
खिलाड़ियों के लिए निष्पक्ष चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करना
महिला खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करना
भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और राजनीतिक दखल को कम करना
अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्पोर्ट्स मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करना
—
प्रमुख प्रावधान
1. खेल संघों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तर के खेल संघों को सरकार से पंजीकरण कराना होगा।
2. Term Limit & Age Limit
खेल संघों के पदाधिकारियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष और लगातार 3 कार्यकाल से अधिक न रहने का नियम लागू।
3. पारदर्शी वित्तीय प्रणाली
सभी संघों को वार्षिक ऑडिटेड रिपोर्ट जारी करनी होगी।
सरकारी फंड का उपयोग पारदर्शिता से होगा।
4. खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व
प्रत्येक संघ की कार्यकारिणी में कम से कम 25% पद खिलाड़ियों को दिए जाएँगे।
5. महिला सुरक्षा और समान अवसर
महिला खिलाड़ियों के लिए विशेष शिकायत निवारण सेल।
सभी खेलों में महिला और पुरुष खिलाड़ियों के लिए समान पुरस्कार राशि की दिशा में कदम।
6. Anti-Doping Mechanism
NADA (National Anti-Doping Agency) के साथ सख्त निगरानी।
Dope Test अनिवार्य और उल्लंघन पर कड़ी सज़ा।
—
महत्व
1. खिलाड़ियों का अधिकार सुरक्षित होगा
अब खिलाड़ियों को खेल संघों की राजनीति का शिकार नहीं होना पड़ेगा।
2. खेलों में प्रोफेशनल मैनेजमेंट
खेलों का संचालन कॉर्पोरेट और प्रोफेशनल मानकों पर होगा।
3. युवाओं का विश्वास बढ़ेगा
खिलाड़ी खुलकर मेहनत करेंगे क्योंकि चयन प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
4. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि मजबूत होगी
भारत अब विश्व स्तर पर खेल प्रबंधन में भी अपनी पहचान बना सकेगा।
—
चुनौतियाँ
पुराने खेल संघों में बदलाव लाना आसान नहीं होगा।
कई जगह राजनीतिक दखल कम करना मुश्किल हो सकता है।
वित्तीय पारदर्शिता को लागू करने में समय लगेगा।
—
भविष्य की संभावनाएँ
इस कानून से खेलों का व्यावसायीकरण (Sports Commercialization) और भी तेज़ होगा।
भारत ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ज्यादा मेडल जीतने की ओर बढ़ेगा।
महिला खिलाड़ियों को समान अवसर मिलने से जेंडर इक्विटी मजबूत होगी।
—
निष्कर्ष
National Sports Governance Act, 2025 भारत में खेलों की साफ-सुथरी और जवाबदेह प्रणाली बनाने का ऐतिहासिक कदम है। इससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा, खेलों में पारदर्शिता आएगी और भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा और भी मज़बूत होगी।
—
📌 GK Practice Questions (Exam-Oriented)
Q1. National Sports Governance Act, 2025 किससे संबंधित है?
👉 खेल संघों की पारदर्शिता और जवाबदेही से
Q2. इस अधिनियम के तहत पदाधिकारियों की अधिकतम आयु सीमा कितनी है?
👉 70 वर्ष
Q3. किसी खेल संघ की कार्यकारिणी में खिलाड़ियों का न्यूनतम प्रतिनिधित्व कितना होना चाहिए?
👉 25%
Q4. Anti-Doping Mechanism किस एजेंसी के तहत आता है?
👉 NADA (National Anti-Doping Agency)
Q5. इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य क्या है?
👉 खेल संघों में पारदर्शिता और खिलाड़ियों के अधिकारों की सुरक्षा
Bharat Forecasting System (BFS) 2025 – भारत का नया मौसम पूर्वानुमान तंत्र